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कांग्रेस: कर्नाटक के बाद मध्यप्रदेश में हुई सतर्क, सरकार गिरने का है डर!

मध्यप्रदेश में भी भाजपा को लेकर टेंशन में आई…

भोपालJan 16, 2019 / 02:32 pm

दीपेश तिवारी

INC in Alert

कांग्रेस: कर्नाटक के बाद मध्यप्रदेश में हुई सतर्क, सरकार गिरने का है डर!

भोपाल। एक ओर जहां भाजपा ने कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी की सरकार को गिराने के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। वहीं इससे सकते में आई कांग्रेस @Congress in Alert अब मध्यप्रदेश में भी भाजपा को लेकर सतर्क हो गई है।

दरअसल कर्नाटक में बने हालातों के बाद से कांग्रेस को अब लग रहा है कि मध्यप्रदेश में भी भगवा पार्टी अपना प्रभाव दिखा सकती है। वहीं भाजपा नेताओं की ओर से कमलनाथ सरकार के गिरने को लेकर आ रहे बयानों ने कांग्रेस को और अधिक परेशान @Alert in MPCongress कर रखा है।

ज्ञात हो कि कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी वाली कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार से दो विधायकों ने मंगलवार को अपना समर्थन वापस ले लिया। इस संबंध में एच नागेश (निर्दलीय) और आर शंकर (केपीजेपी) ने राज्यपाल वजुभाईवाला को पत्र लिख कर अपने इस फैसले से अवगत कराया।

वहीं सूत्रों के अनुसार दूसरी ओर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के इस बयान से कि प्रदेश में कांग्रेस की लंगड़ी सरकार है, जो कभी भी गिर सकती है। ने कांग्रेस के कई दिग्गजों की नींद उड़ा दी है। वहीं चर्चा है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस में अंदर अलर्ट जारी कर दिया गया है यानि @AlertInCongress की स्थिति बन गई है।

दरअसल कर्नाटक में अलग-अलग पत्रों में विधायकों ने कहा है कि वे कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को दिया अपना समर्थन तत्काल प्रभाव से वापस ले रहे हैं। मुंबई के एक होटल में ठहरे हुए इन विधायकों ने राज्यपाल से आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध किया है। वहीं कांग्रेस और भाजपा, दोनों ही पार्टियां एक दूसरे पर विधायकों को प्रलोभन देने का आरोप लगा रही हैं।

वहीं मध्यप्रदेश कांग्रेस@MPCongress के मामले में जो दबी बातें सामने आ रही हैं, उनके अनुसार कांग्रेस का मानना है कि अब भाजपा भोपाल में कांग्रेस से टकराने की कोशिश करने जा रहे हैं।
ध्यान रहे मध्यप्रदेश @MPAssembly में कुल 230 सीटें हैं, जिनमें से कांग्रेस ने 114 जीती थीं। वहीं भाजपा को 109 सीटें मिलीं जबकि बसपा को 2, समाजवादी को एक और निर्दलीय को 4 सीटें मिली।

इसके साथ ही भाजपा ने दिसंबर में राज्य में 15 सालों से चली आ रही सत्ता को खो दिया। भाजपा को बहुमत से 7 सीटें कम और प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस से 5 सीटें कम मिलीं।

गिराने की दे रहे हैं चेतावनी…
इसके अलावा मध्यप्रदेश @CongressMP में भाजपा के दो दिग्गज नेता खुले आम कमलनाथ सरकार को गिराने की चेतावनी दे चुके हैं। इनमें भाजपा @BJPIndia महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बाद अब नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव भी कह रहे हैं कि जब तक मंत्रियों के बंगले पुतेंगे कांग्रेस सरकार गिर जाएगी।

वहीं इससे पहले कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था बस हाईकमान को छींक आ जाएं, बॉस का इशारा हो जाए, कमलनाथ सरकार @MPGovt पांच दिन में गिरा देंगे।

दरअसल मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार के पार्टी में जीतने के बाद कमलनाथ को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया, जिन्हें एक चतुर नेता के तौर पर देखा जाता है। यहां कांग्रेस @INC के पास भी बहुमत का आंकड़ा नहीं था। जिसके बाद पार्टी को बसपा के 2, सपा का 1 और 4 निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन मिला और पार्टी की सरकार बनी।

अब शिवराज सिंह भी बोले: कभी भी गिर सकती है सरकार…

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान @ShivrajSingh ने कहा है कि प्रदेश में कांग्रेस की लंगड़ी सरकार है। यह कभी भी गिर सकती है। किसानों से कर्ज माफी के आवेदन मंगाकर उन्हें लोकसभा चुनाव तक लुभाने की कोशिश कर रही है।

उन्हाेंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने संबल योजना बंद की तो ऐसी लड़ाई लड़ूंगा कि सरकार चलना बंद हो जाएगी। यह बात पूर्व सीएम शिवराज ने सुसनेर में कही वे यहां रात 11.30 बजे पहुंचे थे। उन्होंने कहा, वे किसानों के हित में लड़ाई लड़ते रहेंगे। वे करीब 25 मिनट तक यहां रुके।

इस दौरान जगहों पर उनका स्वागत हुआ। इससे पहले वे कायरा, मोडी में किसानों मिले। शिवराज के साथ कई ग्रामीणों ने यहां सेल्फी भी ली। इस अवसर नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि डाॅ. गजेंद्र सिंह चंद्रावत, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह कावल, पूर्व विधायक मुरलीधर पाटीदार, भाजपा नेता मांगीलाल सोनी आदि मौजूद थे।

यहां भी फंसी है लड़ाई…
इन सब के अलावा मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार प्रदेश की वित्तिय स्थिति को लेकर भी समस्या से जुझती दिख रही है। जिसके चलते मध्यप्रदेश सरकार को एक बार फिर लोन लेना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार किसानों की कर्ज माफी से पहले कमलनाथ सरकार ने रिजर्व बैंक से एक हजार करोड़ का कर्ज लिया है। इसकी ब्याज की दर 8.37 प्रतिशत बताई जा रही है।

सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। भले ही नई सरकार बनने के बाद यह पहला लोन है, लेकिन इससे पहले से ही प्रदेश सरकार पर 1.83 लाख करोड़ रुपए का भी कर्जा है। इससे पहले शिवराज सरकार ने आखिरी बार 800 करोड़ का कर्ज बाजार से उठाय़ा था। जिसके चलते कमलनाथ सरकार परेशानी में है।
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