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230 में से सिर्फ 16 विधानसभा सीट ही ‘जीत’ पाई कांग्रेस, 5 महीने पहले प्रदेश में जीती थी 114 सीटें

locationभोपालPublished: May 26, 2019 01:36:12 pm

Submitted by:

Pawan Tiwari

कांग्रेस की ग्रामीण सीटों पर भी नुकसान हुआ है।कर्जमाफी का मुद्दा भी लोकसभा चुनाव में बेअसर रहा।

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कांग्रेस को 2018 में मिली थीं 114 सीटें, 2019 में 19 विधानसभा ही ‘जीत’ पाई: बीजेपी को 211 सीटों पर बढ़त

भोपाल. मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में कांग्रेस को केवल एक सीट पर जीत मिली है। छिंदवाड़ा संसदीय सीट पर भी 2014 के मुकाबले जीत का अंतर बहुत कम था। मध्यप्रदेश में पांच महीने पहले विधानसभा चुनाव हुए थे। इन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत हुई थी और 15 साल बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाई थी। हालांकि कांग्रेस पूर्ण बहुमत का आंकड़ा नहीं पर कर पाई थी। 2018 में 114 विधानसभा सीट जीतने वाली कांग्रेस को लोकसभा में भारी नुकसान हुआ है और 211 विधानसभा सीटों पर उसकी हार हुई है।

भाजपा से पिछड़ी कांग्रेस
मध्यप्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं। अगर लोकसभा के चुनाव नतीजों को विधानसभा वार देखा जाए तो 211 सीटों पर कांग्रेस भाजपा से पिछड़ गई। कांग्रेस के मौजूदा 19 विधायक ही अपनी विधानसभा को जीत सके बाकी 96 विधायकों के क्षेत्र में कांग्रेस हार हुई है। वहीं, वोट प्रतिशत की बात की जाए तो विधानसबा में 41.6 फीसदी वोट पाने वाली भाजपा का लोकसभा चुनाव में वोट प्रतिशत करीब 57 फीसदी रहा वहीं, कांग्रेस को 2018 के विधानसभा चुनाव में 41.5 फीसदी वोट पाने वाली कांग्रेस का वोट प्रतिशत गिरकर करीब 33 फीसदी हो गया है।
20 लोकसभा सीटों पर करारी हार
मध्यप्रदेश की 29 में से 20 लोकसभा सीटों के विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस का पूरी तरह से सूपड़ा साफ हो गया है। यह सीट रीवा, जबलपुर, भिंड, होशंगाबाद, विदिशा, मुरैना,सीधी, राजगढ़, सागर, सतना, देवास, टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, बैतूल, उज्जैन, मंदसौर, इंदौर, खंडवा और खरगोन हैं। मध्यप्रदेश में भाजपा की जीत की सबसे बड़ी वजह थी योजनाओं को लोगों तक पहुंचना। वहीं, दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर, पीएम आवास स्कीम और उज्जवला गैस योजना का फायदा भाजपा को हुआ है।

अन्य की सीट पर भी भाजपा को फायदा
इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा-कांग्रेस के अलावा 7 सीटें अन्य़ के पास हैं। बसपा के पास 2, सपा के पास 1 और 4 निर्दलीय विधायक हैं। विधानसभा चुनाव में सपा ने बिजावर, बसपा ने भिंड व पथरिया और निर्दलीयों ने वारासिवनी, बुरहानपुर, सुसनेर व भगवानपुरा सीट जीती थीं। सभी अन्य ने प्रदेश की कमलनाथ सरकार को समर्थन दिया है। इस नेताओं की सीट पर भी लोकसभा में भाजपा उम्मीदवार को ज्यादा वोट मिले हैं जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को कम वोट मिले हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा को 1 करोड़ 56 लाख 42 हजार 980 वोट मिले थे, जो 2019 में बढ़कर 2 करोड़ 14 लाख 06 हजार 887 हो गए। जबकि कांग्रेस का वोट दिसंबर 2018 में एक करोड़ 55 लाख 95 हजार 153 था, जो अब 1 करोड़ 27 लाख 33 हजार 51 वोट रह गया।
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