गृह सचिव ने जताई आपत्ति
हालांकि,कांग्रेस पार्टी की ओर से अब तक उनके पार्टी का हिस्सा होने की बात नहीं मानी है। लेकिन, अभिषेक की दिल्ली पुलिस द्वारा चुपचाप से की गई गिरफ्तारी पर मध्य प्रदेश के गृह विभाग ने आपत्ती जताई है। गृह सचिव ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से जवाब मांगा है कि, युवक की चुपचाप गिरफ्तारी क्यों की गई और प्रशासन या पुलिस को नहीं बताना क्यों उचित समझा गया और ना ही उसके परिवार को इस संबंध में कोई जानकारी दी गई। मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से मांग की है कि, पुलिस का रवैय्या सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरुद्ध है। इसपर संबंधित पुलिस कर्मियों पर उचित कार्रवाई होनी चाहिए।
पार्टी ने नकारा, लेकिन…
हालांकि, पार्टी गिरफ्तार युवक को कांग्रेस के किसी भी विंग का सदस्य नहीं मान रही है, लेकिन जब गिरफ्तार युवक के सोशल मीडिया अकाउंट पर नज़र डाली गई तो कांग्रेस के प्रति उनकी निष्ठा और राहुल गांधी समेत देश-प्रदेश के कई कांग्रेसी दिग्गज नेताओं के साथ उनकी वार्ता के फोटोग्राफ्स उनके पार्टी से किसी न किसी रूप में रिश्ते होने का संकेत दे रहे हैं। इधर, अभिषेक मिश्रा की गिरफ्तारी के दौरान दिल्ली पुलिस ने उसके रूम से 10 लैपटॉप भी जब्त किये हैं। फिलहाल, दिल्ली पुलिस अभिषेक से पूछताछ कर रही है।
इस तरह पुलिस ने किया अभिषेक को गिरफ्तार
मूल रूप से प्रदेश के छतरपुर का रहने वाला अभिषेक राजधानी के कोहेफिजा इलाके में किराए के मकान में रहता है। मंगलवार को दिल्ली पुलिस गौपनीय तौर पर जब दिल्ली पुलिस की टीम अभिषेक के घर पहुंची तो उसने खुद को आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता बताते हुए एक वेबसाइट बनवाने की बात कही। अभिषेक कुछ समझ पाते इससे पहले पुलिस ने उन्हें बड़े प्रोजेक्ट का हवाला देते हुए अपने साथ चलने की बात कहकर हिरासत में ले लिया। दिल्ली पुलिस ने अभिषेक के घर दबिश देने या उन्हें गिरफ्तार कर साथ ले जाने की जानकारी स्थानीय थाने या पुलिस कंट्रोल रूम तक को नहीं दी।
फैक्स से मिली जानकारी
राजधानी के एक पुलिस अफसर का कहना है कि, मध्यप्रदेश की सीमा से बाहर निकलने के बाद दिल्ली पुलिस ने भोपाल स्थित कंट्रोल रूम में फैक्स करके अभिषेक की गिरफ्तारी की सूचना दी। बुधवार को कोर्ट में पेश कर अभिषेक को एक दिन की रिमांड पर लिया गया है। सूत्रों के मुातबिक, गुजरात और मप्र विधानसभा चुनाव में अभिषेक ने सोशल मीडिया पर बीजेपी के खिलाफ प्रचार-प्रसार किया था, जिससे बीजेपी की छवि को काफी नुकसान पहुंचा है। इससे केंद्र सरकार नाराज है। इसी के चलते अभिषेक को गिरफ्तार किया गया है।