दरअसल हबीबगंज स्टेशन से दिल्ली तक जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस के टॉयलेट में कांग्रेस कमेटी के पूर्व संगठन प्रभारी महामंत्री चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी फंसे गए, जिन्हें बाद में टॉयलेट का दरवाजा तोड़कर बाहर निकाला गया।
भारतीय रेलों में शताब्दी व राजधानी सबसे खास ट्रेनें मानी जाती है। लेकिन इनमें भी ऐसे स्थिति ने रेलवे पर कई प्रश्न खड़े कर दिए है।
शताब्दी का सफर बना सजा…
दरअसल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व संगठन प्रभारी महामंत्री चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी के लिए शताब्दी का सफर सजा आज उस वक्त सजा बन गया, जब वे शताब्दी एक्सप्रेस के कोच सी-4 की बर्थ 33 में सफर करते हुए भोपाल स्टेशन से दिल्ली जा रहे थे।
इस दौरान वे टॉयलेट गए, जहां कि कुंदी/चटकनी लगाने के बाद बाहर निकलने के दौरान जाम हो गई। ऐसे में वे टॉयलेट में ही फंस गए। कई बार उनके द्वारा खटखटाए जाने पर भी कोई नहीं आया, जिसके चलते वे काफी देर तक बाहर नहीं आ सके। इसे बाद उन्होंने बेटे को फोन लगाकर टॉयलट में फंसे होने की जानकारी दी।
तब उनके बेटे ने रेलवे के हेल्पलाइन नंबरों पर फोन कर यह जानकारी दी। बात सामने आते ही रेलवे में हड़कंप मच गया।
इसके बाद काफी देर तक वहां पहुंचा स्टाफ उन्हें बाहर निकालने की तमाम कोशिशें करता रहा। लेकिन इसके बाद भी करीब डेढ घंटे तक जब कोई सफलता हाथ नहीं लगी तो मजबूरन ट्रेन के टॉयलेट का दरवाजा तोड़कर चंद्रिका प्रसाद को बाहर निकाला गया।