जानकारों का मानना है कि इसी के चलते जहां पूर्व में राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने तक अपना अध्यक्ष पद छोड़ने तक की बात कहते हुए नया अध्यक्ष गांधी परिवार से बाहर के होने तक की बात कह दी थी।
वहीं मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस में बदलाव की मांग तेज हो गई है। जिसके बाद कांग्रेस में सर्जरी को तकरीबन तय माना जा रहा है।
माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस में भी अब सिफारिश वाली नियुक्तियों पर पूरी तरह से पाबंदी लगाना भी इसी सर्जरी का एक हिस्सा है। इससे पहले सभी बड़े नेताओं ने अपने-अपने समर्थकों को पद दिलाकर संगठन में एडजस्ट कर दिया था।
इससे पहले कांग्रेस एकजुटता के चलते ही विधानसभा चुनावों में सरकार बनाने में कामयाब रही, लेकिन छह माह के अंदर ही लोकसभा चुनावों में दिग्गजों की हार से बड़ा झटका कांग्रेस को लगा है। जिसके बाद नीचे से ऊपर तक बड़े स्तर पर बदलाव की मांग अलग अलग जिलों से उठनी शुरू हो गई है।
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इस बीच राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने ट्वीट कर खलबली मचा दी है। कम शब्दों में तन्खा ने पार्टी के अंदर सर्जरी की मांग को बल दिया है, जिसके बाद से कांग्रेस के अंदरखाने चर्चाएं शुरू हो गयी है।दरअसल, लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद रविवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सभी बड़े नेताओं के साथ बैठक की। जिसमे हार के कारणों पर चर्चा की गई और अन्य मुद्दों पर भी समीक्षा की।
ज्ञात हो कि तन्खा के यह ट्वीट तब आया है, जब हार के कारणों के बाद बुलाई गई बैठक में बदलाव के फैसले की संभावना थी, लेकिन अभी तक किसी तरह के परिवर्तन की जानकारी सामने नहीं है, वहीं पार्टी में उठ रही संगठन में बदलाव की मांग को और बल मिला है।
मंडलम मॉडल पर सवाल…
इससे पहले पहले लोकसभा प्रभारी बनाए गए नेताओं ने प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया के मंडलम मॉडल पर कई सवाल खड़े किए गए हैं।
लोकसभा प्रभारी मानते हैं कि बावरिया ने संगठन को मजबूत करने के लिए मंडलम का गठन तो किया लेकिन ये मंडलम सिर्फ कागज में ही काम करता रहा।
ऐसे में या तो यहां पर सिफारिशी कार्यकर्ताओं को तैनात कर दिया गया या फिर वे कार्यकर्ता आ गए जिनको काम से नहीं पद से मतलब था। अब लोकसभा प्रभारी अपनी-अपनी सीट को लेकर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। इन रिपोर्ट को प्रदेश संगठन को सौंपा जाएगा।
बेटे ने भी की थी मांग
ज्ञात हो कि इससे पहले राज्यसभा सांसद और जबलपुर सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव हारे विवेक तन्खा के बेटे वरुण तन्खा ने भी ट्वीट कर कांग्रेस में गंभीर बदलाव की जरूरत बताई थी।
वरुण तन्खा ने ट्वीट में लिखा, “वर्तमान राजनीति में रहना है तो नेतृत्व में बदलाव किया जाना चाहिए। कांग्रेस में गंभीर बदलाव की ज़रूरत है। उन्होंने तो ये तक लिखा कि मोदी सरकार के बहुमत और ईवीएम पर सवाल ना उठाएं।”
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इससे पहले मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान हारे हुए उम्मीदवार congressmen तक हार के लिए संगठन की कार्यप्रणाली को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
वहीं जहां पहले कांग्रेस नेता पार्टी में ब्लॉक से लेकर प्रदेश तक बड़े बदलाव की बात भी होने लगी थी। वहीं अब विवेक तन्खा के इस ट्विट ने भी कांग्रेस में सर्जरी होने की बात को काफी हद तक सामने लाकर रख दिया है।