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भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाने वाली कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद साधी चुप्पी

locationभोपालPublished: Feb 26, 2019 09:07:21 am

– कड़ा कानून बनाए जाने के साथ रिश्वत लेना और देना गैर होना था गैर जमानती

Gujarat high court, death penalty

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भोपाल। विधानसभा चुनाव के पहले भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाने वाली कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद चुप्पी साध ली है। वादा किया गया था कि रिश्वत लेना और देना दोनों गंभीर अपराध होंगे। यहां तक कि भ्रष्टाचार नियंत्रण के लिए नया कानून बनाने की बात कही गई थी, लेकिन सरकार ने इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया है।
व्यापमं, प्याज खरीदी, ई-टेंडरिंग, डम्पर सहित एेसे कई घोटालों पर कांग्रेस ने तत्कालीन भाजपा सरकार को सदन से लेकर सड़क तक घेरा था। यहां तक आरोप लगे कि सरकारी दफ्तरों में बिना रिश्वत के काम नहीं होते। कांग्रेस के साथ आमजन भी खड़े नजर आए। विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस का साथ दिया। अब कांग्रेस सत्ता में है लेकिन आमजन से किए वादे अधूरे हैं। आश्चर्य यह है कि विपक्ष में रहने के दौरान कांगे्रस ने जिन मामलों पर घोटाले के आरोप लगातार मुद्दा बनाया था अब सरकार में आने के बाद कांग्रेस सरकार सभी मामलों में क्लीनचिट दे रही है। हाल ही में समाप्त हुए विधानसभा सत्र के दौरान सिंहस्थ खरीदी, नर्मदा किनारे पौध रोपण के मामले ताजा हैं। हालांकि इसको लेकर बवाल मचने पर मंत्रियों ने यू-टर्न लिया और दावा किया गया कि किसी को क्लीनचिट नहीं दी गई है।
जन आयोग का भी था वादा –
भाजपा शासनकाल में हुए घोटालों की जांच के लिए कांग्रेस ने जन आयोग गठित करने का वादा किया था। इसके माध्यम से वर्ष २००८ से २०१८ तक हुए घोटालों की जांच की जाना थी। ई-टेंडरिंग घोटाला, व्यापमं घोटाला, डम्पर घोटाला, गृह निर्माण समिति घोटाला, बिजली खरीदी घोटाला, गेंहू परिवहन घोटाला, प्याज घोटाला, सहकारी बैंकों में बीमा घोटाला, नियुक्तियों में घोटाला, रेत घोटाला, सूचना प्रौद्योगिकी एवं लोक सेवा गारंटी में घोटाला, नर्मदा किनारे पौध रोपण घोटाला, पेंशन एवं छात्रवृत्ति घोटालों की जांच कराने की बात वचन पत्र में है। वचन पत्र के मुताबिक भ्रष्टाचार की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ न्यायालय में केस दर्ज कर दण्डात्मक कार्यवाही करेंगे।
यह वादा किया था वचन पत्र में –

– कांगे्रस सरकार प्रदेश में भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासनिक एवं राजनीतिक व्यवस्था स्थापित करेगी।
– रिश्वत लेना और देना गंभीर अपराध माना जाएगा, इसे गैर जमानती बनाया जाएगा।
– रिश्वत मामले में ३० दिन में चालान प्रस्तुत कराएंगे, विशेष न्यायालयों का गठन करेंगे।

– विभिन्न योजनाओं के लिए अपात्र होने के बाद पात्र बताकर लाभ लेना या लाभ पहुंचाना भ्रष्टाचार माना जाएगा।
– मामलों को अनावश्यक लटकाए रखना, अनावश्यक आधार बताकर प्रकरण निराकरण न करना भी भ्रष्टाचार की श्रेणी में शामिल किया जाएगा।

– भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासनिक व्यवस्था के तहत कार्यपालिक स्तर के अधिकारी एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को एक स्थान पर तीन वर्ष से अधिक समय तक किसी भी स्थिति में नहीं रखा जाएगा। सचिवालय में महत्वपूर्ण पदों पर एक विभाग में ३ वर्ष से अधिक समय पदस्थ नहीं रहेंगे।
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वर्जन –

कांग्रेस सरकार आने के बाद काम-काज में पादर्शिता आई है। सरकार जनता से किए गए एक-एक वादे को पूरा करेगी। भाजपा सरकार में हुए किसी भी घोटाले पर क्लीनचिट नहीं मिली है, मामलों की जांच की जा रही है। भ्रष्टाचार को लेकर कड़े कानून बनाएं जाएंगे।
– बाला बच्चन, गृहमंत्री
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