गौरतलब है कि शिवराज सरकार ने पूर्व की कमलनाथ सरकार में छिंदवाड़ा में हुए 12 हजार करोड़ के कार्यों की फाइलें तलब की है। 6 माह के कमलनाथ सरकार के कामकाज की समीक्षा के लिए मंत्रिसमूह की बैठक में हुई थी। इसमें गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और कृषि मंत्री कमल पटेल भी मौजूद थे। इस बैठक में तय हुआ है कि किसानों की कर्ज माफी की जांच होगी। बैठक में पूर्व सीएम कमलनाथ के हस्ताक्षरयुक्त किसान कर्जमाफी के कोरे प्रमाण पत्र भी रखे गए थे।
पूर्व मंत्री जीतू पटवारी मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मीडिया को संबोधित कर रहे थे। पटवारी ने आरोप लगाया कि किसान गर्मी में परेशान हो रहा है, लेकिन भाजपा सरकार मध्यप्रदेश में क्वारंटीन सेंटर के नाम पर कई भ्रष्टाचार कर रही है। खाद्यान्न मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का गेहूं तोला जा रहा है।
पटवारी ने बताया कि कांग्रेस सरकार में कृषि मंत्री कमल पटेल की पत्नी आरती पटेल का कर्जा माफ हुआ। भाजपा सरकार के एक मंत्री पर जीतू पटवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना को अवसर समझा जा रहा है। कांग्रेस की सरकार से तोड़कर भाजपा में शामिल किए गए नेताओं को पैसा दिया गया। उन्होंने कहा कि अब भ्रष्टाचार कर सरकार वो ही पैसा कंपनसेट कर रही है।
और क्या बोले पटवारी
पटवारी ने शिवराज सिंह से आग्रह किया है कि पिछली सरकार के निर्णयों की जांच करवाने को कहा है तो आपका स्वागत है और जांच कराना आपका अधिकार है।
-कोरोना की माहमारी में भाजपा राजनीतिक द्वेषभाव के साथ काम कर रही है। पालीटिकल मैनेजमेंट कैसे करें उसी में लगे हैं। बेरोजगारी कैसे दूर होगी, लोगों को रोजगार कैसे मिलेगा, इन मुद्दों से शिवराज सरकार को कोई लेना-देना नहीं है।