अशोकनगर और शिवपुरी में धन्यवाद सभा करने का कार्यक्रम तय किया और उसे जारी भी कर दिया, लेकिन कुछ देर बाद ही ये कार्यक्रम रद्द कर दिए गए। माना जा रहा है कि राहुल के निर्देश के बाद ही सिंधिया ने अपने कार्यक्रम रद्द किए हैं। इस घटनाक्रम को उनकी नई भूमिका से जोडकऱ देखा जा रहा है। पीसीसी में बदलाव की खबरों के साथ ही सिंधिया का नाम नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में तेजी से उभरा है।
सिंधिया समर्थकों ने उठाई आवाज
मंत्री इमरती देवी के बाद मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा, सिंधिया के अध्यक्ष बनने से कार्यकर्ता हार की हताशा से बाहर निकलकर उत्साह के साथ कांग्रेस की मजबूती के लिए जुट जाएंगे। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी कहते हैं कि सिंधिया का अध्यक्ष बनाया जाना समय की मांग है। उनकी योग्यता और अनुभव का सही उपयोग संगठन को मजबूती देने में हो सकता है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में
गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस पार्टी के महासचिव हैं। गुना-शिवपुरी से सांसद रहे हैं। इस बार वे चुनाव हार चुके हैं। उनके पास लोकसभा चुनाव के दौरान पश्चिमी यूपी का प्रभार था। विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने एमपी में खूब मेहनत की थी। मगर उन्हें सीएम न बनाए जाने के बाद उनके सर्मथकों में काफी नाराजगी देखी गई थी। लोकसभा चुनाव के दौरान सिंधिया एमपी में अपने सीट को छोड़ बाकी जगहों पर प्रचार भी नहीं किए थे।