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कांग्रेस का आरोप कोरोना रोकने में नाकम साबित हुई सरकार

locationभोपालPublished: Apr 09, 2020 04:57:09 pm

Submitted by:

Arun Tiwari

प्रदेश में हो रही देश के औसत से दोगुनी मौतें
 

कांग्रेस का आरोप कोरोना रोकने में नाकम साबित हुई सरकार

कांग्रेस का आरोप कोरोना रोकने में नाकम साबित हुई सरकार

भोपाल : कोरोना को लेकर प्रदेश में चल रहे कामों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। मध्यप्रदेश के वर्तमान हालात और अभी तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो ये चिंताजनक दिखाई देते हैं। कोरोना संक्रमित और मौत का प्रतिशत निकालें तो वह देश में होने वाली औसत मौतों से दुगना है, वहीं स्वस्थ होने की औसत दर देश के औसत से आधी है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मुम्बई, दिल्ली और उत्तरप्रदेश सरकार ने कोरोना से बचाव के लिए मास्क के अनिवार्य उपयोग का फैसला लिया है। मध्यप्रदेश में भी बढ़ते कोरोना के संक्रमण को देखते हुए तत्काल यह फैसला यहां भी सरकार को लेना चाहिए लेकिन ये भी तय किया जाए कि आमजन तक उसकी आसान उपलब्धता हो सके।
मीडिया विभाग के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री 15 दिनों के लॉकडाउन के बाद भी कोरोना वायरस के संक्रमण को कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं। मौत और संक्रमितों का आंकड़ा दिनों -दिन तेज गति से बढ़ता जा रहा है। पटवारी ने कहा कि इंदौर में प्रतिदिन एक कोरोना मरीज संसाधन की कमी के चलते दम तोड़ रहा है। सरकार के गलत प्रबंधन और संसाधनों की कमी से स्थिति अब और भयावह होती जा रही। समय रहते 5 दिनों में इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, खरगोन, जबलपुर, शिवपुरी और उज्जैन में ध्यान नहीं दिया गया, तो मौत और कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा तेजी से बढ़ेगा। क्योंकि इंदौर में क्वॉरेंटाइन किये इलाकों के बाहर भी महामारी फैल रही है। जो की थर्ड स्टेज में जाने का संकेत है।

– लॉकडाउन से बढ़ी महंगाई :
कांग्रेस का कहना है कि लॉकडाउन से महंगाई बढ़ गई है। आटा पहले 25 रुपए किलो मिलता था और आज की स्थिति में 40 रुपए किलो, दाल पहले 90 रुपए किलो मिलती थी और आज की स्थिति में 150 रुपए किलो, चीनी पहले 37 रुपए किलो आज 45 रुपए किलो, चावल पहले 30 रुपए किलो आज 50 रुपए किलो मिल रहा है।

– टूट जाएगी मजदूरों की कमर :
कांग्रेस का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की ताजा रिपोर्ट के अनुसार कोरोना का सामाजकि-आर्थिक जीवन मे भयावह असर पडऩे वाला है। यह संकट देश के 40 करोड़ मजदूरों को गरीबी में धकेल देगा। हमारे यहां 90 फीसदी लोग असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं। लॉकडाउन से इनकी रोजी-रोटी बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। ये लोग बुरे दिनों के डर से अपने गांव जाने पर विवश हुए हैं। आर्थिक प्रबन्धन मजबूत करने के बजाय हमसे इस संकट के दौर में ताली थाली पिटवाई व दीये जलवाए जा रहे है।

– कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन :
कांग्रेस का कहना है कि जीवन रक्षक काम में जुटे लोगों का वेतन नहीं मिल पा रहा। ऐसे अवसर पर मानवीय संवेदना का परिचय देना चाहिए, जिससे इस बीमारी से लडऩे में कोई कोताही न हो। कोरोना वायरस से पीडि़त लोगों की तादाद तेजी से बढ़ रही है। सरकार इस पर सिर्फ दिखावा कर रही है, दावे खोखले साबित हो रहे हैं। केारोना वायरस संक्रमण के कारण कामकाज ठप्प होने से कच्चे माल की आपूर्ति प्रभावित हुई है, इससे औषधि के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग पर असर पड़ा है। इससे कुछ क्षेत्रों में अस्थायी छंटनी हो रही है। कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को हटा रही हैं। ऐसे में सरकार उन कर्मचारियों के लिए क्या कर रही है।

– रीवा, पन्ना, सतना, सिंगरौली में मजदूर की स्थिति खराब :
कांग्रेस का कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से और सरकार के कमजोर प्रबंधन से कामकाज ठप्प है। पन्ना-सतना से लेकर सिंगरौली तक बाजार बंद हैं। गरीब, मजदूर के जिंदगी की रफ्तार थम गई है। यहां सबसे अधिक मुश्किल में वह तबका है जो रोज की कमाई के भरोसे जिंदगी चला रहा था। सरकार मदद देने की बात कह रही है, लेकिन यहां 15 दिनों से अब तक कोई मदद नहीं पहुंची। सतना में स्थिति यह हो गई है कि करीब 150 से अधिक गरीब परिवार भूख, प्यास से परेशान हैं। इंदौर शहर में पढऩे आए छात्रावास में समय पर और पर्याप्त भोजन नहीं मिल पा रहा। वहीं मुरैना के सैकड़ों घरों में अभी तक राशन की सामग्री नहीं पहुंची।

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