ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया और संस्था लोकल सर्किल द्वारा किए गए सर्वे में इस बात का खुलासा किया गया है कि मध्यप्रदेश में 2018 के मुकाबले 2019 में भ्रष्टाचार बढ़ा है। इस रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में भष्टाचार स्थानीय निकायों में बढ़ा है।
कहां और कैसे दी रिश्वत
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, लोगों ने अलग-अलग तरीके से रिश्वत देकर काम कराया है। इस रिपोर्ट में ये भी खुलासा किया गया है कि किन विभागों के कामों के लिए रिश्वत दी है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, नगद रिश्वत अधिक दी गई है जबकि गिफ्ट के रूप में सबसे कम रिश्वत दी गई है। उससे बड़ी बात ये है कि सीसीटीवी लगे कार्यालयों में भी काम कराने के लिए लोगों ने रिश्वत दी है पर रिश्वत लेने वाले के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। नकद राशि के बाद रिश्वत एजेंटों के माध्यम से दी गई है।
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, लोगों ने अलग-अलग तरीके से रिश्वत देकर काम कराया है। इस रिपोर्ट में ये भी खुलासा किया गया है कि किन विभागों के कामों के लिए रिश्वत दी है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, नगद रिश्वत अधिक दी गई है जबकि गिफ्ट के रूप में सबसे कम रिश्वत दी गई है। उससे बड़ी बात ये है कि सीसीटीवी लगे कार्यालयों में भी काम कराने के लिए लोगों ने रिश्वत दी है पर रिश्वत लेने वाले के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। नकद राशि के बाद रिश्वत एजेंटों के माध्यम से दी गई है।
किन विभागों में सबसे ज्यादा रिश्वत
सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्यप्रदेश के नगरीय निकाय विभाग में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है। तो जमीन से जुड़े मामलों में भी लोग अपना काम करवाने के लिए रिश्वत देते हैं। परिवहन और बिजली के कामों को लेकर भी रिश्वत दिया गया है।
सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्यप्रदेश के नगरीय निकाय विभाग में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है। तो जमीन से जुड़े मामलों में भी लोग अपना काम करवाने के लिए रिश्वत देते हैं। परिवहन और बिजली के कामों को लेकर भी रिश्वत दिया गया है।
क्या कहना है मंत्री का
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया और संस्था लोकल सर्किल की रिपोर्ट पर प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा- ये जो रिपोर्ट आई है ये 15 साल वाली सरकार के आंकड़ें हैं हमारे 11 महीने की सरकार में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। एक दो मामले हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि रिपोर्ट 2019 की है। जबकि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार दिसंबर 2018 में बनी थी।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया और संस्था लोकल सर्किल की रिपोर्ट पर प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा- ये जो रिपोर्ट आई है ये 15 साल वाली सरकार के आंकड़ें हैं हमारे 11 महीने की सरकार में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। एक दो मामले हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि रिपोर्ट 2019 की है। जबकि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार दिसंबर 2018 में बनी थी।
कई राज्यों में भ्रष्टाचार
भ्रष्टाचार के मामलों में उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, तेलंगाना, कर्नाटक, झारखंड और पंजाब आगे हैं। जबकि दिल्ली, हरियाणा और गुजरात में सबसे कम भ्रष्ट हैं।
भ्रष्टाचार के मामलों में उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, तेलंगाना, कर्नाटक, झारखंड और पंजाब आगे हैं। जबकि दिल्ली, हरियाणा और गुजरात में सबसे कम भ्रष्ट हैं।