एमपी में उपचुनाव में हार के बाद अब कांग्रेस नए फॉर्मूले के तहत संगठन को मजबूत करने में जुट गयी है। इसके लिए कांग्रेस ने अपना माइक्रो फॉर्मूला तैयार किया है। इस फॉर्मूले के तहत अब कांग्रेस की इकाई को ना सिर्फ सीमित संख्या में गठित किया जाएगा बल्कि काम और योग्यता के आधार पर ही कार्यकर्ताओं को टीम में जगह दी जाएगी।
सूत्रों का कहना है कि संगठन की सभी इकायों को भंग कर नए सिरे से पुर्नगठन की तैयारी कर ली है। एमपी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की पीसीसी चीफ कमलनाथ के नेतृत्व में बैठक भी हो चुकी है। जल्द ही नए फॉर्मूले के साथ कांग्रेस की नई टीम का गठन करने की तैयारी की जा रही है। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के अनुसार, प्रदेश की सभी कांग्रेस इकाइयों को भंग कर नए सिरे से गठन किया जाना चाहिए। इसके गठन को लेकर एक माइक्रो फॉर्मूला तैयार किया गया है। एक फॉर्मेट के तहत ही पूरे संगठन की संरचना अलग प्रकार से की जाएगी।
कांग्रेस में सेवादल को फ़ौजी अनुशासन और जज़्बे के लिए जाना जाता है। इसका संगठनात्मक ढांचा और संचालन का तरीक़ा सैन्य रहा है। कभी कांग्रेस में शामिल होने से पहले सेवादल की ट्रेनिंग ज़रूरी होती थी। इंदिरा गांधी ने राजीव गांधी की कांग्रेस में एंट्री सेवादल के माध्यम से ही कराई थी। नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक सब सेवादल को ‘कांग्रेस का सच्चा सिपाही’ कहते रहे हैं। लेकिन अब सेवा दल खत्मे की तरफ है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस एक बार फिर से सेवादल को मजबूत करने की तैयारी कर रहा है।
जानकारों का कहना है कि कांग्रेस ने जमीनी स्तर पर बूथ पर पकड़ बनाने के लिए बूथ सहयोगी नियुक्त करनी चाहिए। कांग्रेस की योजना हर बूथ पर दस सहयोगी नियुक्त करने की है। बूथ पर फोकस औऱ अपने कार्यकाल के किए कामों के प्रचार जनता के बीच कांग्रेस को एक बार फिर से खड़ा कर सकता है।