भोपालः मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी का जोरदार प्रचार शुरु हो चुका है। प्रदेश और पार्टियों के स्टार प्रचारक अपने अपने प्रभार वाली विधानसभाओं को पार्टी स्तर पर मज़बूती देने में जुटे हुए हैं। इधर, कांग्रेस भी अब अपनी हर विसंगति को दूर करने में जुटू हुई है और इस बार अपना हर कदम फूंक-फूंककर चुनावी मैदान में रख रही है। कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि, पार्टी इस बार गुजरात और कर्नाटक में अपनाए फार्मूले के तर्ज पर चुनाव लड़ने की तैयारी में ज़रूर है, लेकिन वहां की गई गलतियों को फिर से दोहराने के मूड में बिल्कुल भी नहीं है। इसी के चलते कांग्रेस ने कैंपेन को आखिरी क्षण तक जारी रखने का प्लान तैयार कर रखा है। गुजरात और कर्नाटक में कांग्रेस आखिरी दिनों में कमज़ोर पड़ गई थी, जिसका सीधा लाभ भाजपा को मिला था। क्योंकि, भाजपा ने भले ही अपना प्रचार धीमी गति में शुरु किया हो, लेकिन आखरी समय में प्रचार में उसने जो दम भरा था, इसमें कांग्रेस पिछड़ गई थी।
फूंक-फूंककर कदम रख रही है कांग्रेस इसके अलावा कांग्रेस इस बार किसी ऐसे मुद्दे को भी हवा देने के मूड में नहीं है, जिसका खामियाज़ा खुद उसी को भुगतना पड़े। क्योंकि, संघ के मुद्दे को मेनिफेस्टो में शामिल करने का दांव पार्टी पर खुद ही उल्टा पड़ चुका है। लिहाज़ा पार्टी अब हर कदम फूंक-फूंककर रखना चाहती है। पीसीसी चीफ कमलनाथ हों या फिर चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया इन दोनों चेहरों पर कांग्रेस का दांव लगा है। इन दोनो ही नेताओं को दिल्ली से यह सख्त हिदायत दी गई है कि, पहले की गई कोई भी गलती इस चुनाव में ना दोहराएं, फिलहाल दनो ही क्षत्रप नेता अपने अपने क्षेत्रों में धुआंधार प्रचार करने में जुटे हुए हैं, लेकिन वह अपने हर कदम को बड़े ध्यान से रखते हुए चल रहे हैं।
इन बातों पर पार्टी रख रही है सावधानी हालही में कांग्रेस द्वारा जारी वचनपत्र में संघ का मामला उछलने के बाद यह पेतरा कांग्रेस को ही भारी पड़ गया था, इसी के मद्देनज़र अब कांग्रेस ऐसे कसी भी बयान को देने से बचेगी, जिसपर विवाद की स्थिति बने। वहीं, कांग्रेस इस बार आखिरी दिनों तक प्रचार अभियान को जारी रखने की तैयारी में हैं, क्योंकि गुजरात और कर्नाटक में यही वजह उसके लिए भारी पड़ी थी। कांग्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात और कर्नाटक में आखिरी कुछ घंटों में बीजेपी ने पूरी ताकत लगा दी, जिसका लाभ उसे मिला था। हालांकि, मध्य प्रदेश कांग्रेस के लिए अच्छी बात ये है कि इस बार टिकट बंटवारे के बाद गुटबाज़ी कम देखने को मिली, जिसकी वजह से पार्टी को लोगों को मनाना आसान रहा। हालांकि, अगर दूसरी तरफ गैर किया जाए तो कांग्रेस द्वारा बनाया गया यह प्लॉन भाजपा के लिए भी लाभकारी साबित हो सकता है, क्योंकि इन बातों ध्यान में रखते हुए अब भाजपा भी अपनी रणनीति बना सकती है।