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भोपाल

सेवादल नहीं बिछाएगा दरी, नहीं देगा सलामी

महापौर और पार्षद उम्मीदवारों के लिए जिताउ चेहरे तलाश रहा सेवादल, एआईसीसी ने तय की सेवादल की अहम भूमिका
 

भोपालJan 23, 2020 / 07:57 am

Arun Tiwari

सेवादल नहीं बिछाएगा दरी, नहीं देगा सलामी

सेवादल नहीं बिछाएगा दरी, नहीं देगा सलामी

भोपाल : राष्ट्रीय प्रशिक्षण के बाद कांग्रेस सेवादल नई और अहम भूमिका में आ गया है। सेवादल के कार्यकर्ता प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव के लिए जिताउ उम्मीदवार तलाशने में जुट गए हैं। प्रशिक्षत कार्यकर्ताओं को प्रदेश के सभी छोटे-बड़े शहरों में सर्वे के लिए भेजा गया है। ये कार्यकर्ता वार्डों में पार्षद, नगर पालिका, नगर पंचायत में अध्यक्ष और नगर निगमों में महापौर पद के लिए उम्मीदवारी के लिए जीतने के साथ-साथ जमीनी पकड़ और स्वच्छ छवि के नेताओं को तलाश रहे हैं। हर शहर में एक कार्यकर्ता को भेजा गया है। इसके अलावा इस सर्वे के जिला और संभाग प्रभारी भी बनाए गए हैं। प्रशिक्षण के बाद करीब दस दिन से ये कार्यकर्ता चुनावी सर्वे में जुट गए हैं।

सर्वे करने वाले ये लोग आम आदमी की तरह जनता से फीडबैक ले रहे हैं। ये किसी तरह का फॉर्म नहीं भरवा रहे और न ही ये खुद को किसी राजनीतिक दल का सदस्य बता रहे हैं। सेवादल को ये अहम काम एआईसीसी ने सौंपा है। 25 जनवरी को भोपाल में सेवादल की बैठक होगी जिसमें इन कार्यकर्ताओं से चुनावी फीडबैक लिया जाएगा। ये रिपोर्ट सेवादल एआईसीसी को सौंपेगा। इस रिपोर्ट के आधार पर निकाय चुनाव में उम्मीदवार तय किए जाएंगे।

आयोजनों में दरी बिछाना बंद :
कांग्रेस हाईकमान ने सेवादल की इस नई भूमिका के साथ ही स्पष्ट निर्देश दे दिए हैं कि वे अब न तो पार्टी के आयोजनों में दरी बिछाएंगे, न सलामी देंगे और न ही उनका उपयोग भीड़ संभालने में किया जाएगा। कांग्रेस संगठन सेवादल को अपनी वैचारिक इकाई के रुप में तैयार कर रहा है जो कांग्रेसजनों को विचारधारा से लेकर कांग्रेस के इतिहास और योगदान समेत बेहतर और स्वच्छ राजनीति का प्रशिक्षण भी देंगे। सेवादल के राष्ट्रीय प्रशिक्षण में मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कहा था कि सेवादल के बारे में गलत धारणा बन गई है वो सिर्फ दरी बिछाने का काम करता है। उन्होंने कहा कि था कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सेवादल की ट्रेनिंग अनिवार्य करनी चाहिए।

टिकट भी मांगेगा सेवादल :
सेवादल सिर्फ ट्रेनिंग के लिए नहीं होगा बल्कि चुनावी राजनीति में उतरेगा। निकाय चुनाव में सेवादल अपने उन चेहरों को भी आगे बढ़ाएगा जिनकी जीत की गारंटी होगी। इसके अलावा सेवादल ने अगले विधानसभा चुनाव के लिए भी अपनी तैयारी शुरु कर दी है। सेवादल ने प्रदेश की ऐसी 38 सीटें चिन्हित की हैं जो पिछले तीन से चार चुनावों से भाजपा के पास हैं। भाजपा की इन परंपरागत सीटों को छीनने के लिए सेवादल ने अभी से जमीनी तैयारी शुरु कर दी है। इन सीटों पर सेवादल अपने उम्मीदवार उतारेगा।

फरवरी में गांव-गांव जाने का अभियान :
सेवादल कांग्रेस की विचारधारा को लोगों तक पहुंचाने के लिए गांव-गांव तक जाएगा। फरवरी में ये अभियान शुरु किया जाएगा। इस अभियान के तहत कांग्रेस से दूर हो गए लोगों को एक बार फिर पार्टी के झंडे के नीचे लाया जाएगा। लोगों से प्रदेश सरकार की योजनाओं के बारे में भी राय ली जाएगी। इसके अलावा केंद्र सरकार की विफलताओं को भी लोगों तक पहुंचाया जाएगा। सीएए और एनआरसी जैसे मुद्दों की चर्चा भी गांव में चौपाल लगाकर की जाएगी।

एआईसीसी ने हमको निकाय चुनाव के लिए जिताउ उम्मीदवार तलाशने के निर्देश दिए हैं। हमारे कार्यकर्ता शहरों में जाकर सर्वे में जुट गए हंै। अब सेवादल का काम दरी बिछाना या सलामी देना नहीं बल्कि लोगों के बीच में कांग्रेस के विचारधारा का प्रचार-प्रसार करने के साथ ही उनको पार्टी से जोडऩा है।
– सत्येंद्र यादव प्रदेश अध्यक्ष,कांग्रेस सेवादल –

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