और क्या कहा आयोग ने
-आयोग ने कहा कि कमलनाथ की याचिका दिग्भ्रमित करने वाली और दुर्भावनापूर्ण है। कांग्रेस चाहती है कि आयोग उनकी व्यक्तिगत इच्छाओं के अनुरूप चुनाव करवाए।
-आयोग ने कहा कि वोटिंग मशीनों की भारी कमी का आरोप भी गलत है। यह भी आरोप कि मशीनों को एक ही पार्टी के पक्ष में वोट प्राप्त करने के लिए बनाया गया है, बेहद झूठा, मनगढ़ंत और सख्त खारिज करने योग्य है।
-इस याचिका को भारी जुर्माना लगाकर खारिज करना चाहिए।
क्या थी कमलनाथ की याचिका
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर कहा था कि मध्यप्रदेश में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए फर्जी वोटरों को मतदाता सूची से हटा दिया जाए। इस पर चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
-वीवीपैट पर्चियों के सत्यापन की मांग भी की गई थी।
-ईवीएम और वोटों का मिलान वीवीपैट पर्चियों से होना चाहिए।
-हर विधानसभा सीट में 10 प्रतिशत बूथों की वीवीपैट का मिलान हो।
-इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि याचिकाकर्ता का वीवीपैट मशीनों में खराबी का आरोप पूरी तरह से झूठा और भ्रामक हैं।