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चार राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, दिया ऐसा जवाब

locationभोपालPublished: Sep 19, 2018 03:29:05 pm

Submitted by:

Manish Gite

चार राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, दिया ऐसा जवाब

election commission of india

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भोपाल। चुनाव आयोग ने कांग्रेस पार्टी की याचिका का कड़ा विरोध किया है। आयोग ने सख्त लहजे में कह दिया है कि कांग्रेस और उसके नेताओं के बताए तरीके के आधार पर देश में चुनाव कराने के लिए वो बाध्य नहीं है।
चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ की ओर से लगाई गई एक याचिका का कड़ा जवाब दिया है। चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कमलनाथ और कांग्रेस पार्टी की याचिका पर सख्त शपथ पत्र दायर कर कहा है कि याचिकाकर्ता या उसकी पार्टी के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है कि वह देश में चुनाव कराने के लिए किए जा रहे कामों पर सवाल उठाए।
आयोग ने कांग्रेस को लताड़ते हुए कहा है कि कमलनाथ और उनकी पार्टी बार-बार एक ही मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट आकर आयोग के काम में रुकावट नहीं बनें। चुनाव आयोग की तरफ से जारी हलफनामे में कमलनाथ और कांग्रेस पार्टी यह भी आग्रह नहीं कर सकते कि चुनाव आयोग को एक निश्चित तरीके से चुनाव करवाने का निर्देश दे दिया जाए।

और क्या कहा आयोग ने
-आयोग ने कहा कि कमलनाथ की याचिका दिग्भ्रमित करने वाली और दुर्भावनापूर्ण है। कांग्रेस चाहती है कि आयोग उनकी व्यक्तिगत इच्छाओं के अनुरूप चुनाव करवाए।
-आयोग ने कहा कि वोटिंग मशीनों की भारी कमी का आरोप भी गलत है। यह भी आरोप कि मशीनों को एक ही पार्टी के पक्ष में वोट प्राप्त करने के लिए बनाया गया है, बेहद झूठा, मनगढ़ंत और सख्त खारिज करने योग्य है।
-इस याचिका को भारी जुर्माना लगाकर खारिज करना चाहिए।

 

क्या थी कमलनाथ की याचिका
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर कहा था कि मध्यप्रदेश में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए फर्जी वोटरों को मतदाता सूची से हटा दिया जाए। इस पर चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
-वीवीपैट पर्चियों के सत्यापन की मांग भी की गई थी।
-ईवीएम और वोटों का मिलान वीवीपैट पर्चियों से होना चाहिए।
-हर विधानसभा सीट में 10 प्रतिशत बूथों की वीवीपैट का मिलान हो।
-इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि याचिकाकर्ता का वीवीपैट मशीनों में खराबी का आरोप पूरी तरह से झूठा और भ्रामक हैं।

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