नेताओं के सदस्य बनाने में सक्रिय न होने पर प्रदेश संगठन ने नाराजगी जताई है। 15 साल बाद संगठन ने व्यापक रुप में सदस्यता अभियान छेड़ा है। कांग्रेस केा लगता है कि पार्टी के सरकार में आने के बाद अब लोग उससे जुडऩा चाहेंगे। इस सदस्यता अभियान के जरिए कांग्रेस पिछले 15 साल के लंबे अंतराल से बनी खाई पाटना चाहती है।
तय होंगे विधायकों के टारगेट :
संगठन ने अभी तक जिला अध्यक्षों को निर्देश दिए थे कि वे अपने जिले के विधायकों को साथ लेकर सदस्यता अभियान को गति दें और ज्यादा से ज्यादा सदस्य बनाएं लेकिन जिला अध्यक्षों को विधायकों का अपेक्षित सहयोग नहीं मिला।
तय होंगे विधायकों के टारगेट :
संगठन ने अभी तक जिला अध्यक्षों को निर्देश दिए थे कि वे अपने जिले के विधायकों को साथ लेकर सदस्यता अभियान को गति दें और ज्यादा से ज्यादा सदस्य बनाएं लेकिन जिला अध्यक्षों को विधायकों का अपेक्षित सहयोग नहीं मिला।
कुछ जिलों को छोड़ दें तो अधिकांश जिलों में सदस्यता अभियान सुस्त पड़ा है। अब संगठन जिला अध्यक्षों के साथ ही विधायकों के लिए भी सदस्य बनाने का टारगेट तय करने जा रहा है। कांग्रेस नेताओं के तय टारगेट पूरा करने पर उनको आगे बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी यानी उनका प्रमोशन होगा। वहीं जिन्होंने अपना लक्ष्य पूरा नहीं किया उनको इसका नुकसान उठाना पड़ेगा।
भाजपा का 50 लाख सदस्य बनाने का दावा :
वहीं भाजपा ने दावा किया है कि उसने 50 लाख नए सदस्य बनाए हैं। भाजपा का कहना है कि सरकार न होने के बाद भी प्रदेश के लोग उनसे जुडऩा चाहते हैं। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर देश की सेवा करने के इच्छुक हैं इसलिए उनकी रुचि कांग्रेस में जाने की नहीं बल्कि भाजपा के साथ जुडऩे की है।
कांग्रेस ने अपने सदस्यता अभियान को गति दी है। नए सदस्य बनाने की जिम्मेदारी जिला अध्यक्षों के साथ विधायकों की भी है। सभी को इस सदस्यता अभियान में अपनी भूमिका निभानी होगी।
भाजपा का 50 लाख सदस्य बनाने का दावा :
वहीं भाजपा ने दावा किया है कि उसने 50 लाख नए सदस्य बनाए हैं। भाजपा का कहना है कि सरकार न होने के बाद भी प्रदेश के लोग उनसे जुडऩा चाहते हैं। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर देश की सेवा करने के इच्छुक हैं इसलिए उनकी रुचि कांग्रेस में जाने की नहीं बल्कि भाजपा के साथ जुडऩे की है।
कांग्रेस ने अपने सदस्यता अभियान को गति दी है। नए सदस्य बनाने की जिम्मेदारी जिला अध्यक्षों के साथ विधायकों की भी है। सभी को इस सदस्यता अभियान में अपनी भूमिका निभानी होगी।
– चंद्रप्रभाष शेखर, संगठन प्रभारी,कांग्रेस