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गौ कैबिनेट की बैठक निरस्त होने पर कांग्रेस ने साधा निशाना

locationभोपालPublished: Nov 21, 2020 07:48:44 pm

Submitted by:

Arun Tiwari

गौ कैबिनेट कर गौमाता की लगातार मौतों पर प्रदेशवासियों से माफी मांगते शिवराज : कमलनाथ
 
 

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कमलनाथ के चुनावी जनसभाओं पर रोक लगाने की मांग की।

भोपाल : प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 22 नवंबर को गोपाष्टमी पर गौ अभ्यारण्य में होने वाली गौ कैबिनेट की पहली निरस्त करने पर कहा कि अकेले गौ कैबिनेट बनाने से ही गौवंश का संवद्र्धन और संरक्षण नहीं हो सकेगा। भाजपा सरकार में एक तरफ गौ अभयारण्य में गौमाताओं की रोज मौत हो रही है वहीं दूसरी तरफ शिवराज सरकार गौ कैबिनेट के नाम पर जनता को गुमराह करने में लगी हुई है।
सितंबर 2017 में प्रदेश के आगर मालवा जिले के सालरिया में शुभारम्भ किए गए देश के पहले गौ अभयारण्य को लेकर भी शिवराज सरकार ने कई बड़े-बड़े दावे किए थे, यहाँ शिवराज सरकार अपनी गौ कैबिनेट की पहली बैठक करने जा रही थीं लेकिन वहाँ की बदहाली, अव्यवस्थाएं, गौमाता की मौतों की व उनके शवों की दुर्दशा की तस्वीरें सामने आने के बाद शिवराज सरकार बैकफुट पर आ गयी है और अपनी किरकिरी से बचने के लिये उन्हें अपनी गौ कैबिनेट की पहली बैठक इस गौ अभयारण्य में करने के निर्णय को पलटना पड़ा है। बेहतर होता कि वहीं गौ केबिनेट कर इस अभ्यारण्य की अव्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर सभी के साथ देखते और सच्चाई स्वीकार कर शुभारम्भ के बाद से ही हो रही गौमाताओं की निरंतर मौत पर प्रदेशवासियो से माफी माँगते।
भाजपा सरकार को गोवंश के संरक्षण व संवद्र्धन की यदि इतनी ही चिंता है तो उन्हें प्रदेश में कांग्रेस सरकार की तरह ही बड़ी संख्या में गौशालाओं का निर्माण कार्य चालू कराना चाहिए , निराश्रित गौवंश के संरक्षण के लिये पर्याप्त बजट का प्रावधान करना चाहिये और कांग्रेस सरकार के समय शुरू हुए गौवंश के संरक्षण के कामों को आगे बढ़ाना चाहिये ,आगर के इस गौअभ्यारण की बदहाली को दूर करना चाहिए। यहां करीब 4000 गायें रहती है ,उनके लिए र्पयाप्त भूसे व चारे की व्यवस्था ,पानी की व्यवस्था और ठंड से उन्हें बचाने के पर्याप्त उपाय करना चाहिए, उनके रखरखाव के लिये पर्याप्त बजट का आवंटन करना चाहिए , अपनी पुरानी घोषणाओं को पूरा करना चाहिये। लेकिन सिर्फ बातें करने व झूठी घोषणाएँ करने से कुछ होने वाला नहीं है।

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