बैठक के बाद संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि प्रदेश में आर्थिक अराजकता और समाज में समरसता का अभाव है। जिसमें किसान और नौजवान परेशान है। वर्ष 2023 का विधानसभा चुनाव पार्टी शिवराज सरकार के कुशासन, भ्रष्टाचार, किसानों के संकट और दूसरे आर्थिक सामाजिक मुद्दों पर लड़ेगी।
आंदोलन की रूपरेखा तय
पटवारी ने कहा कि कमलनाथ के नेतृत्व में प्रदेश की जनता के महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने के लिए आंदोलन की विस्तृत कार्य योजना तैयार कर ली गई है और जल्द ही प्रदेश की जनता देखेगी कि कांग्रेस पार्टी कैसे सड़क से लेकर विधानसभा तक पूरे प्रदेश में जनता के मुद्दों पर जन आंदोलन खड़ा करेगी।
पूर्व मंत्री तरुण भनोट ने कहा की मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई है। प्रदेश के ऊपर चार लाख करोड़ का कर्ज हो गया है। ऐसे हालात में प्रदेश की जनता के ऊपर डीजल, पेट्रोल, गैस, बिजली और हर किस्म की महंगाई लादी जा रही है। शिवराज सरकार का चेहरा पूरी तरह जनविरोधी हो गया है। उन्होंने कहा कि बैठक में फैसला किया गया है कि कांग्रेस पार्टी महंगाई किसान और बेरोजगारी के मुद्दे पर बड़े पैमाने पर जनता को जागरूक करेगी।
पटवारी ने कहा कि कमलनाथ के नेतृत्व में प्रदेश की जनता के महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने के लिए आंदोलन की विस्तृत कार्य योजना तैयार कर ली गई है और जल्द ही प्रदेश की जनता देखेगी कि कांग्रेस पार्टी कैसे सड़क से लेकर विधानसभा तक पूरे प्रदेश में जनता के मुद्दों पर जन आंदोलन खड़ा करेगी।
पूर्व मंत्री तरुण भनोट ने कहा की मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई है। प्रदेश के ऊपर चार लाख करोड़ का कर्ज हो गया है। ऐसे हालात में प्रदेश की जनता के ऊपर डीजल, पेट्रोल, गैस, बिजली और हर किस्म की महंगाई लादी जा रही है। शिवराज सरकार का चेहरा पूरी तरह जनविरोधी हो गया है। उन्होंने कहा कि बैठक में फैसला किया गया है कि कांग्रेस पार्टी महंगाई किसान और बेरोजगारी के मुद्दे पर बड़े पैमाने पर जनता को जागरूक करेगी।
ये नेता रहे मौजूद
बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कावरे और कमलनाथ सरकार के पूर्व मंत्री शामिल हुए।
बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कावरे और कमलनाथ सरकार के पूर्व मंत्री शामिल हुए।