किसान का नाम नाम, गांव, ब्लॉक, जिला और कर्ज की राशि पूछी जाएगी। यह जानकारी लिखित में भी ली जाएगी, जिससे किसानों को भरोसा हो जाए कि कर्ज माफ करने की बारी आएगी तो उसको इसका लाभ मिलेगा। कांग्रेस कर्ज माफी के साथ ही बिजली बिल आधा करने के बादे के साथ सरकार से समर्थन मूल्य का हिसाब भी मांगेगी।
भाजपा सरकार ने किसानों की ब्याज माफी की घोषणा की तो जवाब में कांग्रेस ने कर्ज माफी का ऐलान कर दिया। ऐसे में किसानों को भरोसा है कि कांग्रेस उनका कर्ज माफ कर देगी, इसलिए उन्होंने कर्ज चुकाना ही बंद कर दिया है। कांग्रेस इसे अपने लाभ के रूप में देख रही है।
हालांकि, प्रदेश कांग्रेस राहुल के महत्वाकांक्षी शक्ति प्रोजेक्ट में फिसड्डी साबित हुई है। राहुल ने लोगों से सीधा जुडऩे के लिए जुलाई में शक्ति प्रोजेक्ट लॉन्च किया, लेकिन इस प्रोग्राम से न तो कांग्रेसी जुड़ रहे हैं और न ही वे अन्य लोगों को जोड़ पा रहे हैं। पार्टी एक महीने में महज 20 हजार लोगों को ही जोड़ पाई है।
शक्ति प्रोजेक्ट के तहत कांग्रेस नेताओं को मैसेज बॉक्स में अपने वोटर आइडी का नंबर टाइप कर राहुल के जारी किए गए गए मोबाइल नंबर पर भेजना है। इस मैसेज के साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ता सीधे राहुल के संपर्क में आ जाएंगे। राहुल इन लोगों से संपर्क कर सियासी हालात पर चर्चा कर सकते हैं। इस प्रोजेक्ट को प्रदेश से लेकर जिला, शहर, ब्लॉक, वॉर्ड और बूथस्तर तक चलाना है।
कांग्रेस की प्रदेश आइटी सेल सिर्फ 15 हजार राजीव के सिपाही यानी सोशल मीडिया के बूथ समन्वयक तलाश पाई है। प्रदेश में 65 हजार बूथ हैं, जहां पार्टी को एक-एक सोशल मीडिया प्रभारी तैनात करना है। भाजपा से मुकाबले के लिए कांग्रेस ने ये रणनीति तैयार की है।
– दिनेश गुर्जर, अध्यक्ष, किसान कांग्रेस शक्ति प्रोग्राम के तहत लोगों को जोडऩे की प्रक्रिया चल रही है। चुनाव के पहले बड़ी संख्या में इससे हम लोगों को जोड़ लेंगे।
– नरेंद्र सलूजा, प्रवक्ता, कांग्रेस
– धर्मेंद्र वाजपेयी, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस आइटी सेल