पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक फैसले का विरोध करने के निर्देश दिए थे। इस मामले में उनकी मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया, प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से बात चर्चा भी हुई। प्रदेश कांग्रेस ने गुरुवार को प्रदेशस्तर पर विरोध की रणनीति बनाई। तय रणनीति के तहत जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन होना था।
भोपाल में भी एेसा ही कार्यक्रम था। कांग्रेस ने इसके साथ गोपनीय रणनीति भी बनाई। इसकी भनक खुफिया तंत्र को भी नहीं लगी। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत कांगे्रसी रोशनपुरा चौराहे पर एकत्रित हुए। पुलिस ने समझा पूर्व की तरह कांग्रेसी विरोध प्रदर्शन करेंगे और ज्ञापन देकर अपने-अपने घर रवाना हो जाएंगे।
पैदल मार्च करते हुए पहुंचे राजभवन प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के नेतृत्व में कांग्रेसी रोशनपुरा चौराहे से पैदल मार्च करते हुए राजभवन की ओर बढ़े। पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, झूमाझटकी के बीच वे राजभवन के मुख्य द्वार तक जा पहुंचे। उत्साही कार्यकर्ता राजभवन के मुख्य द्वार पर चढ़ गए। पहली बार एेसा हुआ कि प्रदर्शनकारी सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए राजभवन के मुख्य द्वार पर चढ़े। इसे पुलिस की बड़ी चूक माना जा रहा है।
राजभवन के मुख्य द्वार पर धरना पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बमुश्किल वहां से हटाया तो दीपक बावरिया, सुरेश पचौरी, पीसी शर्मा, अतुल शर्मा, अवनीश भार्गव सहित अनेक कार्यकर्ता राजभवन के द्वार पर धरने पर बैठ गए। वे राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल को ज्ञापन देना चाहते थे, लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिली। राजभवन के अफसरों ने द्वार पर आकर उनसे ज्ञापन लिया।