ऐसे में अब कई कांग्रेसियों को आशा है कि राहुल गांधी द्वारा उपाध्यक्ष से अध्यक्ष की कमान संभालने के बाद अब जल्द ही मध्यप्रदेश के लिए सीएम कैंडिडेट की घोषणा हो सकती है। वहीं सूत्रों के अनुसार कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने भी इस संबंध में संकेत दिए है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस एकजुट होकर चुनाव लडेंगी।
कांग्रेस पार्टी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी तय करेंगे कि मध्य प्रदेश में सीएम कैंडिडेट कौन होगा।यह बात यादव ने बड़वानी जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में कहीं। यादव ने आगे कहा कि अब गुटबाजी को भुलकर सब कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर काम करना है। ताकि हम आने वाले साल में मप्र में कांग्रेस की सरकार बना सकें। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव में दावेदारी सभी कर सकते हैं पर टिकट उसे ही मिलेगा, जिसे राहुल गांधी देंगे।
जानकारों का मानना है कि इन बातों से साफ नजर आता है कि मध्यप्रदेश MP कांग्रेस को जल्द ही सीएम पद के लिए अपना उम्मीदवार मिल जाएगा। इसके बाद हो सकता है कि चौदह सालों से वनवास भोग रही कांग्रेस की घर वापसी हो।
कांग्रेस में उत्साह दरअसल माना जाता है कि राहुल हमेशा ही युवाओं को मौका देने व आगे लाने की कोशिश करते हैं, अत: के अध्यक्ष बनने के बाद से जहां एक ओर MP कांग्रेस कार्यकर्ताओं व नेताओं में उत्साह है वहीं माना जा रहा है कि बैकफूट पर जा चुकी कांग्रेस एक बार फिर नए चेहरे के साथ प्रदेश में उभर सकती है। हालांकि मप्र कांग्रेस में विधानसभा चुनाव से पहले से ही सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया व कमलनाथ के बीच सीएम कैंडिडेट बनने की होड़ मची थी। दोनों नेताओं के कार्यकर्ताओं और समर्थकों द्वारा दिल्ली हाईकमान से सीएम पद का उम्मीदवार बनाए जाने की बात कहीं जा चुकी है।
कहा जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान पंजाब की तर्ज पर ही मप्र में भी चुनाव लड़ेगा। विधानसभा चुनाव से पहले नेता को सीएम कैंडिडेट घोषित किया जाएगा। इतना ही नहीं प्रदेश कांग्रेस के जितने भी नेता सीएम कैंडिडेट के दावेदार हैं, उन्हें चुनाव में महत्वपूर्ण दायित्व सौंपे जाएंगे।
गौरतलब है कि कमलनाथ और सिंधिया में से एक ही को सीएम पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता है। लंबे समय से दोनों इसी उम्मीद में जनता के बीच जा जाकर अपनी छवि बनाने में लगे हुए है। दोनों की सक्रियता इन दिनों सोशल मीडिया पर ज्यादा देखी जा रही है। कमलनाथ जहां उम्रदराज नेता है, राजनीति के पुराने खिलाड़ी है, वहीं दुसरी तरफ सिंधिया राजघराने से ताल्लुकात रखने के साथ ही युवाओं की पहली पसंद है और ग्वालियर चंबल संभाग के कई क्षेत्रों में उनका तगड़ा प्रभाव भी है। ऐसे में अब सीएम पद का कौन उम्मीदवार होगा यह पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ही तय करेंगें।