सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने दोनों तरफ बेरिकेट्स लगा दिए हैं और आसपास के रहवासियों को नदी और पुल के पास न जाने की सलाह दी है। दोनों प्रदेशों के बीच रास्ता बंद होने से वाहनों की लंबी लाइन लग गई है।
वहीं इससे पहले मंगलवार को भोपाल में हुई बारिश के चलते शहर के अंदर की कई कॉलोनियां बारिश के पानी की चपेट में आ गई थीं। जगह जगह भरे पानी के कारण रास्ते जाम हो गए थे, जबकि कई घरों में तक पानी घुस गया था।
वहीं इससे पहले जुलाई में भी भारी वर्षा के चलते गुना में भी कॉलोनियों सहित बाजार की सड़कों पर पानी भर गया था। जबकि गांवों में भी बाढ़ के हालात बनने लगे। जिसके बाद राजघाट में पानी बढ़ने से 12 गेट डेढ़-डेढ़ मीटर तक शनिवार काे खोले गए जिससे बेतवा का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। इससे चंदेरी में बाढ़ आने की संभावना बढ़ गई।
इस दौरान मुंगावली विकासखंड में नदियों के कारण बाढ़ जैसे बने हालात बनने से कुछ घर पानी में डूब गए थे और रास्ते बंद हो गए थे। इस दौरान होमगार्ड कमांडेंट शिवराज सिंह चौहान का कहना था कि अगर बाढ़ जैसे हालात बनते हैं तो भोपाल से सुरक्षा दल को बुलाया जाएगा।
उस समय हालात से निपटने के लिए मुंगावली मेें 7, ईसागढ़ में 5, चंदेरी में 6, अशोकनगर में 12 जवानाें को तैनात किया गया। इस दौरान भी बाढ़ की संभावना को देखते हुए मुंगावली विकासखंड को बी कैटेगरी में रखा गया है। जहां बेतवा, कैथन, मोला, कोंचा नदियां उफान पर आ जाती हैं तो आसपास के गांवों में बाढ़ आ जाती है। जबकि बाढ़ के जरा भी हालात न बनने के कारण अशोकनगर व ईसागढ़ को सी कैटेगरी में रखा है।
पहले खुले थे 12 गेट…
राजघाट बांध में पानी अधिक आने पर पिछले माह डेढ़-डेढ़ मीटर के 12 गेट खोले गए थे, जिनसे 93 हजार क्यूबिक मीटर पानी निकाला गया। इस दौरान भी पानी निकालने से ललितपुर चंदेरी मार्ग पर दो फीट पानी बह रहा है।
राजघाट बांध में पानी अधिक आने पर पिछले माह डेढ़-डेढ़ मीटर के 12 गेट खोले गए थे, जिनसे 93 हजार क्यूबिक मीटर पानी निकाला गया। इस दौरान भी पानी निकालने से ललितपुर चंदेरी मार्ग पर दो फीट पानी बह रहा है।