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वन विभाग के टीपी रेट पर खनिज को ऐतराज, सीएम ने कहा- रॉयल्टी से ज्यादा टीपी शुल्क कैसे

locationभोपालPublished: Jan 17, 2020 11:56:01 am

– कैबिनेट फैसले : आधे होंगे प्रस्तावित टीपी रेट, एक दर्जन प्रस्ताव मंजूर

cm meeting

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भोपाल। प्रदेश में 14 प्रकार के खनिजों पर परिवहन अनुज्ञा (टीपी) शुल्क बढ़ाने को लेकर दो विभाग कैबिनेट बैठक में आमने सामने हो गए। वन विभाग ने 7 रुपए से बढ़ाकर 100 रुपए टीपी शुल्क प्रस्तावित किया था, जिस पर खनिज विभाग ने ऐतराज उठाया। खनिज के अफसरों ने कहा कि यह शुल्क खनिज की रॉयल्टी से भी ज्यादा है। इस पर सीएम कमलनाथ ने कहा कि रॉयल्टी से ज्यादा टीपी शुल्क कैसे हो सकता है। इसलिए इसे कम किया जाए। इसके बाद अलग-अलग स्लेब में इस रेट को करीब आधा करना तय किया गया।


राज्य मंत्रालय में मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें जब खनिज के टीपी रेट बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया, तो सीएम ने पूछा कि खनिज विभाग को इस पर क्या आपत्ति है। तब, खनिज महकमे के अफसरों ने बताया कि लाइम स्टोन में रॉयल्टी ही 80 रुपए प्रति टन है, फिर 100 रुपए प्रति टन परिवहन मंजूरी के टीपी के कैसे हो सकते हैं। ऐसा ही दूसरे खनिजों में हो रहा है। जितने का खनिज है, उससे ज्यादा उसे ले जाने के पैसे प्रस्तावित कर दिए हैं। इस पर सीएम ने प्रस्तावित खनिज टीपी रेट को आधे से कम करने के लिए कह दिया।

ये है मामला-

दरअसल, वर्ष-2009 में यह शुल्क सात व चार रुपए प्रति टन से बढ़ाकर 38 रुपए प्रति टन कर दिया गया था। फिर कोर्ट में प्रकरण पहुंच गया तो स्टे हो गया। अब सरकार ने इस शुल्क को सात व चार रुपए प्रति टन से बढ़ाकर सौ व साठ रुपए करना प्रस्तावित किया है। इसमें लाइम स्टोन, डोलोमाइट, फायर क्ले, मैग्नीज, कॉपर, रॉक, फास्फेट, सिलिका सेड, शेल, स्लेट व सोप स्टोन के लिए सौ रुपए और फ्लेग स्टोन, ग्रेनाइट, मार्बल, मिट्टी-पत्थर के लिए 60 रुपए प्रति टन शुल्क प्रस्तावित किया गया था।

कैबिनेट सब कमेटी बनेगी-
भिण्ड में 6 जनवरी 2012 को हुई गोली चालन की घटना की न्यायिक जांच के लिए गठित जांच आयोग के प्रतिवेदन पर कार्यवाही करने के संबंध में मंत्रि-परिषद की समिति बनाने का निर्णय लिया।


इन प्रस्तावों को भी मंजूरी-

– चतुर्थ वर्ग के तबादले सीएम समन्वय में भेजने से छूट
– 12 सड़कों को एमओटी मोड पर बनाने प्रस्ताव मंजूर

– सीएम स्वेच्छानुदान 80 लाख से बढ़ाकर 1.50 करोड़ करना
– निवाड़ी जिले में ई-दक्ष केंद्र का गठन। ई-गवर्नेंस मैनेजर पद बनाना

– स्वास्थ्य में एनएचएम, सीएचसी व पीएचसी के लिए 470 नए पद बनाना
– शहरी विकास संस्थान का गठन। 15 सदस्यीय बोर्ड का गठन।

– खाद्य प्रसस्करण के लिए विशेष सहायता के पैकेज। पोर्टल वापस शुरू करना
– मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के लिए 536 करोड़ स्वीकृत

 

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