शिवराज कैबिनेट में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव शुक्रवार को विवादों में आ गए हैं। सोशल मीडिया पर उनकी पोस्ट के बाद अब राजनीति गर्मा सकती है। मोहन यादव इससे पहले भी विवादित बयान देकर सुर्खियों में रह चुके हैं, जिसके बाद उन्हें माफी तक मांगनी पड़ी थी।
यह है पूरा मामला
दरअसल, मोहन यादव ने अपने फेबुक पोस्ट पर जो लिखा है उससे बवाल तो होना ही था। उन्होंने लिखा है कि गणतंत्र दिवस की परेड में नेताजी सुभाष चंद्र बोस थे, सरदार वल्लभ भाई पटेल थे। परेड में न तो देश के फर्जी पिताजी थे, न ही देश के फर्जी चाचा थे और न लोहे की महिला थी, न ही कंप्यूटर के आविष्कारक थे। परेड में काशी विश्वनाथ की झांकी थी, देवी वैष्णोदेवी की झांकी थी, सनातन संस्कृति का नजारा था। मेरा देश सही में बदल रहा है, मेरा देश अंग्रेजी गुलामों के जबड़ों से निकल रहा है, मेरा देश सही में स्वतंत्र हो रहा है।
कांग्रेस का अटैक
उच्च शिक्षा मंत्री की सोशल मीडिया पर आई इस पोस्ट के बाद कांग्रेस ने भी हमला किया है। उज्जैन कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष रवि राय ने कहा है कि ऐसा बयान देकर उच्च शिक्षा मंत्री समाज को क्या संदेश देना चाहते हैं। गणतंत्र दिवस केपर्व पर इस तरह की पोस्ट की हम निंदा करते हैं। यह मानसिकता आरएसएस और भाजपा और गोडसे की है। उन्होंने कहा कि मंत्री की गोड़से विचारधारा ने बता दी है कि वे महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के बारे में गलत कह रहे हैं।
इधर, इस मामले में मोहन यादव की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। जबकि भाजपा की तरह से भी अभी तक कोई सफाई नहीं आई है।
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क्या बोले दिग्विजय
इधर, इस मामले में राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने भी ट्वीट कर तंज कसा है। दिग्विजय ने कहा कि मंत्री जी से सही इतिहास जानने की उम्मीद भी नहीं करना चाहिए। उन्हें जो संघ ने पढ़ाया वही तो बताएँगे।