मध्यप्रदेश कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर एकाउंट पर ट्वीट करते हुए कहा कि- मोदी सरकार के सामने कोरोना पहली ऐसी चुनौती है, जिसमें हिन्दू-मुसलमान और पाकिस्तान का नाम लेकर ध्यान नहीं भटकाया जा सकता।
कांग्रेस ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा- कोरोना के कारण मप्र विधानसभा 16 मार्च को ही स्थगित की गई थी, लेकिन मोदी जी ने कर्फ़्यू/लॉकडाउन का निर्णय नहीं लिया। जब मप्र में बीजेपी सरकार बन गई तब मोदी जी गंभीर हुए, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। भाजपा ने सत्ता हवस के लिये भारत की जनता की बाज़ी लगाई है। मप्र में 16 मार्च को आहूत विधानसभा सत्र में कांग्रेस के सभी विधायक मास्क पहनकर गये थे, परन्तु सत्तालोलुप बीजेपी के विधायक बगैर मास्क के पहुंचे थे। क्यों न मध्यप्रदेश में तेज़ी से फैल रही इस महामारी को शिवराज और बीजेपी की देन कहा जाय?
कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए कहा- मोदी जी की ज़्यादा गलती नहीं है। बीजेपी का मप्र में सरकार गिराने और बनाने का कार्यक्रम नहीं होता तो ये लॉकडाउन और कर्फ़्यू पहले ही लग जाता। बीजेपी की सत्ता की हवस ने देश के 130 करोड़ लोगों की जान आफ़त में डाल दी है। वहीं, कांग्रेस ने कहा- केंद्र सरकार द्वारा कोरोना के मद्देनज़र गरीबों के लिए जो भी पैकेजों का ऐलान किया गया है वो अल्प और अपर्याप्त है। हमारी मांग है कि प्रत्येक जनधन/ मनरेगा कर्मी और वृद्ध/विधवा/दिव्यांग व्यक्ति के खातों में 7500 रुपए तत्काल डाला जाय।