परिषद की बैठक में महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि दो नगर निगम को धर्म के आधार पर बांटा जा रहा है। इस बात को लेकर नेता प्रतिपक्ष मो.सगीर ने जमकर विरोध किया। इस दौरान भाजपा के पार्षद ने आसंदी घेरी और महापौर को पहले बोलने को लेकर नोकझोक हुई।
बैठक में पहले बोलने को लेकर विवाद
परिषद की बैठक में विवाद के बाद कोंग्रेस पार्षदों ने वाक आउट किया। भाजपा पार्षद ने दो निगम के विरोध में परिषद अधयक्ष को ज्ञापन सौंपा। थोड़ी देर बाद कांग्रेस पार्षद दोबरा बैठक शामिल हुए। लेकिन महापौर को बोलने से फिर रोका गया। कांग्रेस पार्षदों का कहना था कि पहले कांग्रेस पार्षदों को बोलने का मौका दिया जाए।
दो नगर निगम में बांटा तो होगी परेशानी
जानकारों का कहना है कि राजधानी को दो नगर निगमों में बांटने की कवायद के बीच जलापूर्ति सिस्टम, सीवेज लाइन और सड़क का बंटवारा परेशानी का सबब बनेगा। स्थिति ये है कि नर्मदा के पानी का सम्पवैल प्रस्तावित कोलार नगर निगम में आएगा तो कोलार डैम का सम्पवैल भोपाल नगर निगम में।
दोनों ही निगमों को अपने क्षेत्रों में जलापूर्ति के लिए एक-दूसरे के निगम क्षेत्र में टीम बनाना होगी। इसके अलावा होशंगाबाद रोड, नेहरू नगर, करोंद, भानपुर में 23 टंकियां ऐसी हैं, जिनका पानी भोपाल और कोलार दोनों ही निगमों की सीमाओं वाली कॉलोनियों में जाएगा। बंटवारे के बाद इस दोहरी व्यवस्था को संभालना कठिन होगा।