नेता प्रतिपक्ष सगीर का कहना कि कलियासोत डैम में मछली पालन का कार्य किया जाता है। वर्ष 2010 में डैम जिला पंचायत के स्वामित्व में था। इस दौरान मां भवानी समिति को ठेका मिला था। वर्ष 2013 में नगर निगम का विस्तार होने के बाद डैम नगर निगम के स्वामित्व में आ गया। इस दौरान तत्कालीन कलेक्टर ने पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता के कहने पर उनके कार्यकर्ता सुभाष रैकवार को अवैध रूप से ठेका दिला दिया। सगीर का आरोप कि ठेका दिलाने में नगर निगम परिषद में कोई प्रस्ताव ही नहीं आया। जबकि उन्हें अवैध तरीके से नगर निगम की अनुमति भी दी गई। डैम पर अकबर खान और जुगनू काम करते हैं। जिनकी सुभाष रैकवार द्वारा मजदूरी नहीं दी जा रही थी। उनकी नाव भी रख ली गई थी। मेरे भतीजे ने बताया कि अकबर को मजदूरी नहीं मिल रही। उसे परेशान किया जा रहा है। उसी सिलसिले में शनिवार दोपहर को डैम पर बात करने पहुंचा था, वहां सुभाष, देवमणि समेत अन्य लोग दादागिरी दिखाने लगे। सामान वापस देने के लिए कहा, तो उन्होंने पत्थर से हमला कर दिया। जिससे मेरे सिर पर चोट लगी है।
सु भाष रैकवार नवीन मत्स्य उद्योग सहकारी समिति के अध्यक्ष हैं। वे भाजपा मंडल के उपाध्यक्ष भी हैं। उनका कहना कि कि निगम सीमा में कलियासोत डैम के आने के बाद कलेक्टर ने मत्स्य विभाग की अनुमति के बाद समिति को डैम का आवंटन मछली पालन के लिए किया था। यह लीज 2024 तक की है। मौजूदा कलेक्टर ने दिसंबर 2018 में गलत तरीके से डैम की अनुमति निरस्त कर दी। इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई। जिसमें कलेक्टर के आदेश को अनुचित मानते हुए हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया। जिससे डैम में मछली पालन की अनुमति दोबारा मिल गई। इसके बाद सगीर का फोन आया कि खूब माल कमा रहे हो..। तुम मेरे पास आओ नहीं, तो अनुमति निरस्त करवा दूंगा। इसकी फोन रिकार्डिंग भी हमारे पास है। हम उसके पास नहीं गए, तो वह डैम पर शनिवार को अपने साथियों के साथ आ गए। वह धमकाने लगे। इस दौरान मैं डैम पर नहीं था। बच्चे की पैरेंट्स मीटिंग में गया था। मेरे पास डैम से फोन आया कि सगीर धमकी दे रहे हैं। उन्होंने खुद ही सिर पर पत्थर मार लिया। इसके बाद शाम को मुझे फोन कर किसी लिली टॉकीज के पास बुलवाया और हमला करा दिया।
(नोट: हमले से पहले जैसा मीडिया को बताया)
संपत उपाध्याय, एसपी