scriptप्रजापति को स्पीकर चुनने पर हंगामा, विपक्ष पहुंचा राजभवन | Controversy over Prajapati's choice of speaker | Patrika News

प्रजापति को स्पीकर चुनने पर हंगामा, विपक्ष पहुंचा राजभवन

locationभोपालPublished: Jan 09, 2019 09:31:02 am

– भाजपा बोली कांग्रेस ने पहले ही दिन कर दी लोकतंत्र की हत्या- इधर, कांग्रेस ने कहा सब कुछ नियमानुसार, भाजपा जानबूझकर लगा रही आरोप

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vidhansabha

भोपाल। विधानसभा में विधायक अध्यक्ष चुनाव को लेकर मंगलवार को सदन में जमकर हंगामा हुआ। प्रोटेम स्पीकर दीपक सक्सेना पर भाजपा ने पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने अध्यक्ष पद के लिए सिर्फ कांग्रेस विधायक एनपी प्रजापति का प्रस्ताव पढ़ा, लेकिन भाजपा विधायक विजय शाह का नहीं। इधर कांग्रेस ने विधानसभा नियमों का हवाला देते हुए कहा कि जो प्रस्ताव पहले आएगा उसे पहले पढ़ा जाएगा, इसका निराकरण होने के बाद ही अगले प्रस्ताव पर चर्चा होगी। विपक्ष के विधायकों ने सत्तापक्ष का ये तर्क खारिज करते हुए गर्भगृह में पहुंचकर हंगामा और नारेबाजी की। इसके चलते प्रोटेम स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित की।
प्रोटेम स्पीकर ने सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाई, तो विरोध स्वरूप विपक्षी दल भाजपा सदस्यों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया। इसके बाद सत्तापक्ष ने विपक्ष की अनुपस्थिति में स्पीकर के चयन की प्रक्रिया पूरी की। इसमें गोटेगांव से कांग्रेस विधायक एनपी प्रजाति स्पीकर चुने गए। प्रजापति के अध्यक्ष बनने के विरोध में मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने राजभवन तक पैदल मार्च कर राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग की।
एेसे चला घटनाक्रम –

मंगलवार की सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही प्रोटेम स्पीकर सक्सेना ने विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन की घोषणा करते हुए कहा कि कार्यसूची में शामिल नामों को पढ़ा। एनपी प्रजापति के लिए चार प्रस्ताव आए। चारों प्रस्ताव पढऩे के बाद प्रोटेम स्पीकर ने कहा कि सबसे पहले प्रस्ताव पर चर्चा होगी। विपक्षी दल ने इसे नियम विरुद्ध बताते कहा कि भाजपा की ओर से आए प्रस्ताव को पढ़ा जाए। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव बोले, जब पांच प्रस्ताव है तो सिर्फ चार क्यों पढ़े गए। इस पर संसदीय कार्यमंत्री गोविंद सिंह ने नियमों का हवाला देते हुए कहा जब पहले प्रस्ताव पर चर्चा हो जाएगी तब दूसरे पर बात होगी। लेकिन विपक्षी दल अपनी बात पर अड़े रहे। इस पर हंगामा शुरू हो गया। भाजपा सदस्य गर्भग्रह में पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। हंगामा देख प्रोटेम स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी। दोबारा कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष ने फिर वही मांग दोहराई।
मतदान से अध्यक्ष चुने गए एनपी –

विपक्ष दल की अनुपस्थिति में विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन की कार्यवाही आगे बढ़ी तो बसपा विधायक संजीव ङ्क्षसह ने मतदान की मांग की। संजीव ने भी एनपी प्रजापति के नाम का प्रस्ताव किया था। प्रोटेम स्पीकर ने संजीव सिंह के प्रस्ताव को मानते हुए मतदान की एलान कर दिया। विपक्षी दल की गैरमौजूदगी हुए मतदान में प्रजापति के पक्ष में १२२ में से १२० मत पड़े, विपक्ष में कोई मत नहीं पड़ा। २ मत नहीं पड़े। क्योंकि मुख्यमंत्री कमलनाथ अभी विधायक नहीं है, इसलिए इन्होंने मतदान नहीं किया और प्रोटेम स्पीकर ने भी मतदान में भाग नहीं लिया। प्रोटेम स्पीकर ने परिणाम परिणाम बताते हुए एनपी प्रजापति को विधानसभा अध्यक्ष घोषित कर दिया।
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किसने क्या कहा –
नियमों के तहत जब तक पहले प्रस्ताव का निराकरण नहीं हो जाता तब तक दूसरा प्रस्ताव नहीं आता। हमने एेसा ही किया है। इसमें कहीं कोई नियम के विरुद्ध काम नहीं हुआ है।
– डॉ. गोविंद सिंह, संसदीय कार्यमंत्री
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अध्यक्ष पद के लिए सभी प्रस्तावों को पढ़ा जाना चाहिए था। इसके बाद फैसला होना था, लेकिन एेसा नहीं हुआ। हमने राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग की है। अगर न्याय नहीं मिला तो हम कोर्ट जाएंगे।
– गोपाल भार्गव, नेता प्रतिपक्ष
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भाजपा अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के नाम को लेकर विभाजित हो गई थी। भाजपा की अंतर्कलह से यह सब हुआ। सुदंरलाल पटवा ने उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को देने की परम्परा शुरू की थी, उनकी परम्परा को आज की भाजपा ने खत्म करने की कोशिश की है।
– दिग्विजय सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री
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मुख्यमंत्री इस्तीफा दें, असंवैधानिक तरीके से अध्यक्ष का चयन किया गया है। पहले ही दिन कांग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या कर दी।

– शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री
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बहुत दिन से टाइगर-टाइगर चल रहा था। टाइगर सदन छोड़कर भाग गया। विपक्ष की विधानसभा में बैठने की औकात नहीं रही। इसलिए सदन छोड़कर चले गए।
– सज्जन ङ्क्षसह वर्मा, पीडब्यूडी मंत्री

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