कार्यकर्ताओं की सुनवाई के लिए जिला स्तर पर भी समन्वय समिति बनाई जाएगी। कार्यकर्ताओं से मुलाकात के लिए प्रभारी मंत्रियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। निगम-मंडलों में नियुक्ति की प्रक्रिया शुरु की जाएगी। वचन-पत्र को तेजी से पूरा करने के लिए काम किया जाएगा। सत्ता और संगठन में बेहतर तालमेल स्थापित किया जाएगा। सरकारी अधिवक्ताओं की नियुक्ति में सतर्कता बरती जाएगी। सत्ता-संगठन में आपसी संवाद बनाने की आवश्यकता। विधानसभा उपचुनाव, नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनावों की तैयारी पर चर्चा।
अल्पसंख्यकों की नाराजगी को देखते हुए सरकार निगम-मंडलों में उनको जगह देगी। जिन संस्थाओं में उनको नियुक्ति दी जाएगी उनमें हज कमेटी, मसाजिद कमेटी, वक्फ बोर्ड, उर्दू अकादमी, अल्प संख्यक आयोग, मदरसा बोर्ड प्रमुख हैं। अल्पसंख्यक नेताओं ने इनके अलावा भी जगह मांगी है। समन्वय समिति ने जिला कमेटी में भी अल्पसंख्यकों को जगह देने की बात कही है।
– समन्वय समिति की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। सत्ता-संगठन में तालमेल बढ़ाया जाएगा। नेताओं को जनता में अपनी एकता का अहसास कराना होगा। कार्यकर्ताओं की सुनवाई के लिए एक सिस्टम तय करेंगे। कांग्रेस में हर वर्ग को महत्व दिया जाता है। सभी की भावनाओं का ख्याल रखा जाएगा।
– दीपक बावरिया प्रदेश प्रभारी, कांग्रेस –