जिला अदालत में कोरोना अलर्ट- 31 मार्च तक हाजिरी जरूरी नहीं, बढेंगी तारीखें
अदालत के प्रवेश द्वार बंद, नहीं हुई गवाही, सुनवाई टली

भोपाल। जिला अदालत में बुधवार को कोरोना वायरस से बचाव के लिए सख्त कदम उठाए गए। मंगलवार को जारी हुई हाईकोर्ट की एडवाईजरी के बाद कोर्ट प्रशासन हरकत मेंं आया। कोर्ट परिसर के प्रवेश द्वारों पर ताले जड दिए गए। सिर्फ मुख्य प्रवेश द्वार से सेनेटाईजर से हाथ धुलवाकर वकीलों को प्रवेश दिया गया। वहीं जरूरी मामलों में पक्षकारों को गेट नं 5 से एन्ट्री दी गई।
बुधवार को जेल से मुल्जिमों को पेश नहीं किया गया। अदालतों में गवाहीं, मुकदमों में सुनवाई नहीं हुई, चालान पेश नहीं हुए, सिर्फ जमानत अर्जियों पर सुनवाई हुई। सिविल- अपराधिक-परिवारिक विवाद आदि जिन मामलों की सुनवाई बुधवार को होना थी, वकीलों- पक्षकारों की उपस्थिति के बिना सभी मामलों में 7 अप्रैल की तारीख तय कर दी गई। यह सिलसिला 31 मार्च तक हाईकोर्ट की अगली एडवाईजरी तक जारी रहेगा। पक्षकार-वकीलों की उपस्थिति जरूरी नहीं होगी। ऐहतियात के चलते पुलिस ने भी आरोपियों को पेश नहीं किया। कोर्ट स्टाफ भी जल्दी से काम निपटाकर कोर्ट रूमों के बाहर बैठ गया।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने संभाला मोर्चा
सुबह साढे 10 बजे जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार वर्मा ने खुद मोर्चा संभाला। कोर्ट पहुंचते ही सभी जज- कोर्ट स्टाफ की सीजेएम अदालत के बाहर मीटिंग हुई। इसमें डाक्टरों ने जज-कोर्ट स्टाफ को कोरोना वायरस से बचाव के उपाय बताए। जजों सहित पूरे कोर्ट स्टाफ को मास्क- सेनेटाइजर बांटे गए। अदालत परिसर में कोरोना से बचाव के पोस्टर चिपकाए गए। दोपहर बाद कोर्ट परिसर में सेनेटाईजर का छिडकाव किया गया। जजों सहित पूरे कोर्ट स्टाफ ने मास्क पहनकर दिनभर काम किया।
अपर सत्र न्यायाधीश राजीव कुमार अयाची की कोर्ट में क्रिमिनल रीडर और न्यायालयीन कर्मचारी संघ के महामंत्री नरेश मालवीय ने बताया कि जिन अपराधिक मुकदमों में हाजिरी माफी आवेदन नहीं आए उनमें वारंट जारी नहीं किए गए। सभी तरह के मुकदमों में आगे की तारीख तय कर दी गई। सिर्फ जमानत अर्जियों पर सुनवाई हुई।
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