आपको बता दें कि इस वैक्सीन को हैदराबाद की फार्मा कंपनी बायोलॉजिकल ई ने बनाया है। अनुमान के मुताबिक जिन बच्चों का जन्म 2008, 2009 और 2010 में हुआ है, उन्हें ही यह वैक्सीन लगवाई जा सकती है। दिसंबर में इसे आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी। इसके बाद 21 फरवरी को इसे 12 से 18 साल की उम्र के बच्चों को भी लगाने की मंजूरी मिल गई।
यह देश की पहली प्रोटीन बेस्ड वैक्सीन है। जबकि देश में ही बनाई गई कोरान की तीसरी वैक्सीन है। प्रोटीन सबयूनिट वैक्सीन का मतलब है कि ये पूरे वायरस के बजाय उसके एक हिस्से का इस्तेमाल कर इम्युनिटी पैदा करती है। इस वैक्सीन में कोराना वायरस के एस प्रोटीन का इस्तेमाल किया गया है। जैसे ही यह प्रोटीन शरीर में जाता है, वैसे ही इम्युन रिस्पॉन्स एक्टिवेट हो जाता है और वायरस लडऩा शुरू कर देता है।