माता पिता की गलती बच्चे हो रहे संक्रमित
भोपाल में तीसरी लहर में 274 बचे कोरोना पॉजीटिव हो चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे बच्चे सीधे संक्रमित नहीं होते, उन्हें माता पिता या परिवार से ही संक्रमण मिलता है। बच्चे माता पिता की गलती से चपेट में आ रहे हैं।
14 दिन में 40 गुना बढ़े एक्टिव केस
भोपाल में जनवरी से कोरोना का कहर शुरू हो गया है। पिछले 14 दिन में एक्टिव केस 40 गुना बढ़े हैं। प्रतिदिन साढ़े तीन हजार से ज्यादा नए केस मिल रहे हैं। स्वस्थ होने वालों की संख्या 500 के अंदर ही है। यानी एक्टिव केस में रोजाना. उधर, जांच की संख्या बढ़ाई गई ढाई हजार से ज्यादा का इजाफा हो है। पिछले माह तक करीब 50 हजार रहा है। इसमें 95% संक्रमित होम सैंपल लिए जाते थे। इस माह से क्वारंटीन हैं। वैक्सीनेशन होने से सैम्पल की संख्या 80 हजार कर दी संक्रमण हावी नहीं हो पा रहा है। लोग गई है। हालांकि आरटीपीसीआर की संक्रमण से जल्द मुक्त हो रहे हैं।. संख्या दस हजार के आसपास है।
हालांकि अच्छी बात यह है कि दूसरी लहर की तुलना में इस बार शहर में 95 फीसदी ऑक्सीजन बेड तो 99 फीसदी आइसीयू बेड खाली हैं। दूसरी लहर के पीके दौरान 11 अप्रेल को 824 केस आए थे, पॉजीटिविटी रेट 10 फीसदी ही था। गुरुवार को पॉजीटिविटी रेट 12.5 हो गया। डॉ. पराग शर्मा का कहना है कि वर्तमान की स्थितियां काबू में हैं, मरीज गंभीर नहीं हैं। अभी हालात बहुत ज्यादा नहीं बिगड़े लेकिन अब निमोनिया के मरीज बढ़ने लगे हैं। अगर हमने अभी सावधानी नहीं बरती तो हालात बिगड़ते देर नहीं लगेगी। कोविड नियमों का पालन करना ही होगा, संक्रमण से बचना ही एक मात्र रास्ता है।
जनवरी से कोरोना का कहर शुरू हो गया है। पिछले 14 दिन में एक्टिव केस 40 गुना बढ़े हैं। प्रतिदिन साढ़े तीन हजार से ज्यादा नए केस मिल रहे हैं। स्वस्थ होने वालों की संख्या 500 के अंदर ही है। यानी एक्टिव केस में रोजाना ढाई हजार से ज्यादा का इजाफा हो रहा है। इसमें 95% संक्रमित होम क्वारंटीन हैं। पिछले माह तक करीब 50 हजार सैंपल लिए जाते थे। इस माह से सैम्पल की संख्या 80 हजार कर दी गई है। हालांकि आरटीपीसीआर की संख्या दस हजार के आसपास है।