scriptयह हैं कोरोना वॉरियर्स, पूरा परिवार संक्रमित फिर भी जुटे हैं सेवा में | corona pandemic in madhya pradesh corona warrior story | Patrika News

यह हैं कोरोना वॉरियर्स, पूरा परिवार संक्रमित फिर भी जुटे हैं सेवा में

locationभोपालPublished: Apr 29, 2021 02:36:27 pm

Submitted by:

Manish Gite

corona warrior story: कोरोना संकट में अपनों के साथ ही दूसरों को भी जीवन दे रहे हैं भोपाल के कोरोना वॉरियर्स….।

jazbe_ko_salam1.png

भोपाल के हमीदिया और एम्स अस्पताल में ड्यूटी कर रहे इन दोनों डाक्टरों का पूरा परिवार संक्रमित है, फिर भी अस्पताल में सेवा दे रहे हैं।

भोपाल। कोरोना के कहर ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है। जहां अस्पतालों में पैर रखने की जगह नहीं है, वहीं इलाज के अभाव में कई मरीज दम तोड़ रहे हैं। ऐसे संकट में भी ऐसे डॉक्टर हैं जो देवदूत बनकर मरीजों की जान बचाने में जुटे हैं। राजधानी भोपाल के दो डॉक्टर ऐसे भी हैं जिनका पूरा परिवार कोरोना से संक्रमित है। घर के सदस्य अस्पताल में भर्ती हैं, इसके बावजूद वे 14-14 घंटे तक अस्पताल में रहकर मरीजों की सेवा में जुटे हैं। इन डॉक्टरों के सेवाधर्म की कहानी उनके दोस्तों ने सोशल मीडिया पर साझा की है। जिसे बड़ी संख्या में लोग शेयर कर रहे हैं।

 

यह भी पढ़ेंः कोरोना को लेकर अच्छी खबर, नए संक्रमितों से ज्यादा ठीक होने वाले

 

jazbe_ko_salam2.png

माता-पिता, बच्चे संक्रमित फिर भी संभाल रहे व्यवस्थाएं

हमीदिया अस्पताल के फिजियोलॉजी विभाग में पदस्थ डॉ. राकेश मालवीय (dr rakesh malviya) एक साल से कोरोना आपदा प्रबंधन संभाल रहे हैं। इन दिनों डा. मालवीय के बुजुर्ग मां पिता के साथ भाई और बेटे-बेटी संक्रमित हो गए डॉ. एक तरफ परिवार की चिंता तो दूसरी तरफ अस्पताल में भर्ती मरीजों की भी चिंता कर रहे हैं। डॉ. मालवीय ने निराश होने की बजाय जिम्मेदारियों को संभाला है। वे बताते हैं कि वे सुबह दोनों बच्चों को हिम्मत दिलाकर अस्पताल (hamidia hospital bhopal) आते, यहां अस्पताल में भर्ती पिता से मिलने और फिर अपने काम में जुट जाते हैं।

 

यह भी पढ़ेंः हर संभाग में एक-एक ऑक्सीजन प्लांट बनेगा, निवेशकों के लिए ऑक्सीजन पॉलिसी भी तैयार

jazbe_ko_salam3.png

मां, सास-ससुर पॉजीटिव, फिर भी ड्यूटी पर

ऐसी ही कहानी डॉ. राघवेंद्र बिदुआ (Dr. Raghvendra Kumar Vidua) की भी है। वे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (aiims bhopal) के फॉरेंसिंक मेडिसिन एंड टोक्सिकोलाजी विभाग के एसोसिएशन प्रोफेसर हैं। दरअसल, डॉ. बिदुआ के मित्र ने उनके समर्पण की कहानी सोशल मीडिया पर साझा करते हुए बताया कि दिसंबर में डॉ. बिदुआ के साथ पत्नी और मां संक्रमित हो गए। इस दौरान डॉक्टर बिदुआ खुद अस्पताल में मां के साथ अन्य मरीजों की सेवा करते रहे। वे ठीक ही हुए थे कि उनके ससुराल के आठ सदस्य पॉजीटिव हो गए। यहां डॉ. बिदुआ ने दामाद डॉक्टर का धर्म भी समान रूप से निभाया। वे अस्पताल में भर्ती बुजुर्ग सास-ससुर और साले की मानसिक रूप से हिम्मत बंधाते रहे।

 

यह भी पढ़ेंः दिव्यांग के जज्बे को सलाम


https://www.dailymotion.com/embed/video/x80n9o1
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो