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भोपाल

हर महीने करीब पांच हजार चीनी लोग आते मध्यप्रदेश, कोरोना वायरस ने ‘रोका’ आर्च ब्रिज का काम!

अब जर्मनी से केबल लाने की तैयारी

भोपालFeb 03, 2020 / 02:54 pm

Muneshwar Kumar

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भोपाल/ कोरोना वायरस का खौफ पूरी दुनिया में है। इस वायरस से चीन की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है। भारत में भी कई संदिग्ध मरीज मिले हैं। जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, कई कामों पर भी कोरोना वायरस का असर पड़ रहा है। जिसमें भोपाल बन रहे आर्च ब्रिज भी शामिल है। क्योंकि इस ब्रिज में लगने वाले केबल को चीन से मंगाया है और इसकी टेस्टिंग के लिए विशेषज्ञ चीन से आते।
विलंब होने की वजह से पहले ही आर्च ब्रिज की लागत बढ़ गई है। मार्च 2019 तक इसे करीब 50 करोड़ रुपये की लागत से पूरा हो जाना था। लेकिन नहीं हो पाया। इससे पहले भी काम पूरा करने को लेकर कई डेड लाइन तय किए गए थे। अभी कोरोना वायरस की वजह से प्रोजेक्ट की लागत और बढ़ सकती है।
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एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के सिटी इंजीनियर ओपी भारद्वाज ने कहा कि मुख्य सस्पेंशन केबल जो आर्च ब्रिज को जोड़ती है, उसे चीन के लुओउ से मंगाया जाना है। केबल को लगाने से पहले भोपाल में चीन के निर्माण विशेषज्ञों की एक टीम को साइट पर रहने की आवश्यकता है। वे इसकी टेस्टिंग करेंगे और तकनीकी सहायता प्रदान करेंगे।
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जर्मनी से केबल लेने की तैयारी
कोराना वायरस की वजह से अब भोपाल स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन जर्मनी से तकनीक और केबल लेने पर विचार कर रही है। चीन से केबल और तकनीक का खर्च करीब छह करोड़ रुपये आंकी गई थी लेकिन जर्मनी से लेने पर इसकी कीमत काफी अधिक पड़ेगी। इससे परियोजना की लागत फिर से बढ़ सकती है। साथ ही प्रोजेक्ट और डिले हो सकता है। 2016 में जब इसकी आधारशिला रखी गई थी, तब 27 करोड़ रुपये इसकी लागत थी।

भोपाल आए थे चीनी अधिकारी
रिपोर्ट्स के अनुसार चीनी विशेषज्ञ भोपाल आए थे और शहरी विकास विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की थी। उसके बाद जनवरी मध्य में यह रिपोर्ट आई कि कोरोना वायरस आदमी से आदमी में फैल रहा है। लेकिन दक्षिण चीन में व्यापक रूप से यह नहीं फैला है, लेकिन यह रिपोर्ट है कि हांगकांग के दक्षिणी हिस्से में एक-दूसरे का इसका संक्रमण फैल रहा है।
पांच हजार चीनी नागरिक आते हैं मध्यप्रदेश
लेकिन रविवार को भारत ने चीन में रहने वाले चीनी यात्रियों और विदेशियों के लिए ऑनलाइन वीजा सुविधा को अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया। एक अनुमान के मुताबिक चीनी नागरिक या चीनी व्यवसायों से जुड़े लोग हर महीने एमपी आते हैं। इसमें बड़ी संख्या में पर्यटक भी एमपी आते हैं।
डब्यूएचओ के अनुसार कोरोना वायरस का ऊष्मायन अवधि दो से चौदह दिन तक होता है। इस अवधि को समझना स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, इसी दौरान अगर लोग एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं तो वायरस का प्रसार होता है। हालांकि मध्यप्रदेश में अभी तक एक भी पॉजिटिव केस नहीं मिला है।

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