एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के सिटी इंजीनियर ओपी भारद्वाज ने कहा कि मुख्य सस्पेंशन केबल जो आर्च ब्रिज को जोड़ती है, उसे चीन के लुओउ से मंगाया जाना है। केबल को लगाने से पहले भोपाल में चीन के निर्माण विशेषज्ञों की एक टीम को साइट पर रहने की आवश्यकता है। वे इसकी टेस्टिंग करेंगे और तकनीकी सहायता प्रदान करेंगे।
जर्मनी से केबल लेने की तैयारी
कोराना वायरस की वजह से अब भोपाल स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन जर्मनी से तकनीक और केबल लेने पर विचार कर रही है। चीन से केबल और तकनीक का खर्च करीब छह करोड़ रुपये आंकी गई थी लेकिन जर्मनी से लेने पर इसकी कीमत काफी अधिक पड़ेगी। इससे परियोजना की लागत फिर से बढ़ सकती है। साथ ही प्रोजेक्ट और डिले हो सकता है। 2016 में जब इसकी आधारशिला रखी गई थी, तब 27 करोड़ रुपये इसकी लागत थी।
भोपाल आए थे चीनी अधिकारी
रिपोर्ट्स के अनुसार चीनी विशेषज्ञ भोपाल आए थे और शहरी विकास विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की थी। उसके बाद जनवरी मध्य में यह रिपोर्ट आई कि कोरोना वायरस आदमी से आदमी में फैल रहा है। लेकिन दक्षिण चीन में व्यापक रूप से यह नहीं फैला है, लेकिन यह रिपोर्ट है कि हांगकांग के दक्षिणी हिस्से में एक-दूसरे का इसका संक्रमण फैल रहा है।
लेकिन रविवार को भारत ने चीन में रहने वाले चीनी यात्रियों और विदेशियों के लिए ऑनलाइन वीजा सुविधा को अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया। एक अनुमान के मुताबिक चीनी नागरिक या चीनी व्यवसायों से जुड़े लोग हर महीने एमपी आते हैं। इसमें बड़ी संख्या में पर्यटक भी एमपी आते हैं।