भोपाल की डा. दीप्ति भार्गव और दिल्ली से भोपाल आई डॉ. आस्था पाठक दोनों अपना निजी क्लीनिक चलाती थीं। हाल ही में शासन ने संविदा नियुक्ति पर डाक्टरों की भर्ती करने का फैसला लिया। इसके लिए डाक्टर आस्था फॉर्म भरने के लिए आफिस गई तो पता चला कि फॉर्म भरने का समय निकल चुका है। इसके बाद दोनों डाक्टर वॉलेंटियर के रूप में काम करने लगीं। डाक्टरों का कहना है कि इस पेशे को चुनने के साथ उन्होंने हर मरीज का इलाज करने की शपथ ली है, जिसका वे निर्वहन कर रही हैं।
आस्था ने लिए जमातियों के सैंपल
डा. आस्था पाठक भोपाल से दिल्ली जाने की तैयारी में थी कि लॉकडाउन हो गया। फिर वे भोपाल में ही डाक्टरों के साथ काम में जुट गईं। आस्था ने बताया कि वे दिल्ली में जॉब करती थीं, वो भोपाल आई। इस बीच मेडिकल वेकैंसी निकली थी, जिसमें वे अप्लाई करने के लिए आफिस गईं, लेकिन डेट निकल गई। आस्था ने फिर मेडिकल टीम व लोगों के इलाज करने के लिए वॉलेंटियर बनने का फैसला लिया। आस्था ने बताया कि मस्जिद के अंदर रुके जमातियों के 30 से ज्यादा सैंपल लिए, जिन्हें जांच के लिए लैब भेजा। इसमें से कुछ पॉजिटिव भी मिले हैं।
दीप्ति कर रही है क्वारंटाइन का इलाज
डॉ दीप्ति भार्गव होम्योपैथी की डाक्टर हैं और इन दिनों वे मेडिकल टीम के साथ वॉलेंटियर के रूप में क्वारंटाइन मरीजों का इलाज कर रही हैं। दीप्ति फील्ड स्क्रीनिंग, क्वारंटाइन मरीजो का मेडिकल सैम्पल भी ले रही हैं। इसके साथ ही सीएम हेल्पलाइन और अन्य माध्यमों से क्वारंटाइन करने की सूचना आती है तो उन मरीजों को क्वारंटाइन भी करवाती हैं और पॉजिटिव मरीजों की काउंसिलंग भी करती हैं। दीप्ति ने बताया कि वे लोग कोरोना से घरों में क्वारंटाइन है। आसपास के लोग उनके साथ दूरी बना रहे हैं। लोगों को भेदभाव छोड़ सिर्फ सोशल डिस्टेंस रखें।