नतीजा ये हुआ कि निगम के पुराने नंबरों पर कॉल लगाने के बावजूद मदद नहीं मिली तो लोग सीएम हेल्पलाइन 181 के भरोसे हो गए। शहरवासियों की कुल शिकायतों का 98 फीसदी सीएम हेल्पलाइन पर पहुंच रहा, जबकि निगम की हेल्पलाइन पर महज दो फीसदी शिकायतें ही जा रही है।
जबकि निगम की हेल्पलाइन पर शिकायतें संतुष्टि के साथ निराकृत होती थी, अब सीएम हेल्पलाइन पर निराकरण में संतुष्टि नहीं है। यही वजह रही कि हाल में भोपाल को सीएम हेल्पलाइन शिकायत निवारण में भी 16 वां स्थान मिला था।
जुलाई में भोपाल से कुल 19 हजार 262 शिकायतें सीएम हेल्पलाइन में दर्ज कराई गईं, जबकि भोपाल नगर निगम की हेल्पलाइन में करीब 300 शिकायतें ही पहुंची। जबकि सीएम हेल्पलाइन में 70 फीसदी निराकरण से शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं है।
नगर निगम ने तत्कालीन निगमायुक्त मनीषसिंह ने कॉल सेंटर नंबर 2701000 निगम के हर वाहन पर दर्ज कर आमजन तक पहुंचाए थे। खुद निगमायुक्त मॉनीटरिंग करते थे। इसलिए सभी को यह नंबर याद भी हो गया था। इससे नागरिक इस नंबर पर ही शिकायतें करने लगे थे।
– केवीएस चौधरी निगमायुक्त Must Read- 1. भोपाल के विकास की कहानी 3354 करोड़ से लिखेंगी मालती और राम कुंवर