पत्रिका टीम ने राजधानी का जायजा लिया तो शहर में 19 तरह के सामानों के साथ 120 माइक्रोन के पॉलीथिन कैरी बैग शुक्रवार को भी धड़ल्ले से बिकते दिखे। नगर निगम ने इनकी बिक्री रोकने सहायक स्वास्थ्य अधिकारियों के माध्यम से जोनवार अनाउंसमेंट करवाकर हिदायद दी। कुछ जोन में कार्रवाई भी की गई।
निगमायुक्त केवीएस चौधरी का कहना है, अभी शुरुआती कुछ दिन लोगों को समझाइश देंगे, उसके बाद ही कार्रवाई शुरू करेंगे। बता दें शहर में रोजाना करीब 15 टन पॉलीथिन समेत सिंगल यूज प्लास्टिक की बिक्री हो जाती है। हाट बाजार से किराना, फल, सब्जी की दुकान तक पर उपयोग हो रहा है।
चिंता कीजिए क्योंकि, प्लास्टिक नष्ट नहीं होता…
नोटिफिकेशन में यह शामिल
केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन में कहा गया है, पॉलीस्टायरीन और विस्तारित पॉलीस्टाइनिन सहित सिंगल यूज वाले प्लास्टिक का निर्माण, आयात, स्टॉकिंग, वितरण, बिक्री और उपयोग 1 जुलाई, 2022 से प्रतिबंधित होगा।
कप, गिलास, चम्मच पर रोक
कंपनियों और व्यक्तिगत स्तर पर सिंगल यूज प्लास्टिक से बने हुए सामान जैसे ईयर बड स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, आइसक्रीम स्टिक, कप गिलास, कांटा चम्मच, मिठाई के डिब्बे की पन्नी, सिगरेट पैकेट रैपर और टेट्रा पैक पर रोक है।
निगम कार्यालय में पांच साल से सिंगल यूज्ड प्लास्टिक प्रतिबंधित
प्रदेश सरकार ने करीब पांच साल पहले मई 2017 में सरकारी कार्यालयों को अपने यहां सिंगल यूज्ड प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने की सलाह दी थी। इसके बाद निगम प्रशासन ने निगम परिषद के माध्यम से निगम कार्यालयों में सिंगल यूज्ड प्लास्टिक का उपयोग पूरी तरह बंद करने के आदेश जारी कर दिए।
ऐसे में यहां तभी अधिकारिकतौर पर सिंगल यूज्ड प्लास्टिक पर प्रतिबंध है।
जिले में कितनी खप्त, ऐसे समझें
– 15 टन रोजाना की बिक्री
– हर रोज निकलता है: 250 टन करीब प्लास्टिक कचरा
– चिप्स और कंफेक्शनरी से: 17.5 टन हर रोज लगभग