रिटेनिंग वॉल के ब्लॉक ठीक से फिट नहीं किए थे। सीडीएस इंफ्रा ने फ्लाइओवर पर ड्रेनेज सिस्टम के पॉइंट ठीक से नहीं बनाए थे, इसलिए ब्रिज के बेस में भरे गए मिट्टी जैसे मटेरियल में पानी भरने लगा और रिटेनिंग वॉल के ब्लॉक खुलकर झूलने लगे। सिंगारचोली व गांधीनगर फ्लाइओवर में भी गड़बड़ी की आशंका जताई है। आइआइटी की रिपोर्ट आने के बाद एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एमएल पुरबिया, प्रोजेक्ट इंजीनियर विनाक्षी दहत की भूमिका की भी जांच की जा सकती है। एनएचएआइ की तरफ से ये दोनों अधिकारी प्रोजेक्ट मॉनिटर कर रहे थे जबकि सीडीएस के इंजीनियर बलकार सिंह और मैनेजर प्रदीप राय इनके निर्देश पर काम करवा रहे थे। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के निर्देश पर घटनाक्रम की जांच में जुटी इंदौर आइआइटी सिविल डिपाटमेंट की एचओडी डॉ. नीलम सत्यम ने प्रिलिमनरी जांच रिपोर्ट एनएचएआई प्रबंधन को सौंप दी है। इसके बाद फाइनल रिपोर्ट जमा की जाएगी जिसमें प्रोजेक्ट में इस्तेमाल हो रहे मटेरियल की जानकारी दी जाएगी।
कंपनी और कंसल्टेंट पर कार्रवाई तय
आइआइटी रिपोर्ट में गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद एनएचएआइ अब सीडीएस इंफ्रा और प्राइवेट कंसल्टेंट को ब्लैक लिस्टेड करने की तैयारी में है। ये कार्रवाई सिंगारचोली-मुबारकपुर प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद की जाएगी। एमपी हेड विवेक जायसवाल के मुताबिक टेंडर शर्तों के चलते प्रोजेक्ट पूरा करवाने के बाद ही कंपनी को भुगतान किया जाएगा। जायसवाल के मुताबिक आईआईटी रिपोर्ट में जितनी खामियां सामने आएंगी, उन्हें तोड़कर दोबारा बनवाया जाएगा।
मंत्री ने मौके पर जाकर देखी थीं गड़बडिय़ां
221 करोड़ के सिंगारचोली-मुबारकपुर सिक्सलेन प्रोजेक्ट में सीडीएस इंफ्रा की ओर से ड्रेनेज सिस्टम नहीं बनाने का खुलासा पत्रिका ने 2 दिसंबर 2018 के अंक में किया था। इसकी शिकायत कर्नल्स कॉर्नर निवासी रिटायर्ड कर्नल गजंफर अली ने सीएम कार्यालय व प्रमुख सचिव मोहम्मद सुलेमान से की थी। नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन ङ्क्षसह ने मौके पर जाकर गड़बडिय़ां देखी थी। प्रोजेक्टर डायरेक्टर से रिपोर्ट मांगी थी।
&आइआइटी विशेषज्ञों ने प्रिलिमनरी रिपोर्ट हमें दी है। इसमें गलत एलाइनमेंट और ड्रैनेज सिस्टम में गड़बड़ी की बात कही गई है। फाइनल रिपोर्ट में मटेरियल की जानकारी आनी बाकी है। इस रिपोर्ट के आधार पर जरूरी कार्रवाई शुरू कर दी है।
विवेक जायसवाल,
एमपी हेड, एनएचएआई