scriptScam: जांच के ठंडे बस्ते में जाते ही फिर शुरू हुआ डीजल चोरी का खेल | Corruption is on in Municipal diesel tank is on latest news in hindi | Patrika News

Scam: जांच के ठंडे बस्ते में जाते ही फिर शुरू हुआ डीजल चोरी का खेल

locationभोपालPublished: Nov 06, 2017 09:23:51 am

हर माह लाखों की लाखों रुपयों की चपत लगने के बाद भी नगर निगम डीजल टैंक को लेकर नहीं दिख रहा गंभीर, अभी और ज्यादा करने होंगे प्रयास।

nagar nigam diesel tamk

भोपाल@देवेंद्र शर्मा
नगर निगम के डीजल टैंक से चोरी का सिलसिला थमा नहीं है। अब भी एक माह में करीब 22000 लीटर डीजल की चोरी हो रही है। राशि में देखें तो करीब 13 लाख रुपए की चपत अब भी लग रही है। हालांकि इस चोरी को रोकने के लिए निगम प्रशासन की ओर से उपाय किए जा रहे हैं और मासिकतौर पर करीब 90 हजार लीटर की चोरी रोकने में कामयाबी मिली है, लेकिन मौजूदा स्थिति बता रही है कि अब भी काफी प्रयासों की जरूरत है।
नगर निगम की डीजल टैंक की मासिक रिपोर्ट के आंकड़ों से ही स्थिति स्पष्ट हो रही है। इसमें करीब 500 वाहन एेसे सामने आ रहे हैं, जिनमें डीजल की चोरी की जा रही है। डीजल चोरी का साप्ताहिक आंकड़ा साढ़े सात हजार लीटर के करीब बन रहा है। कई वाहन एेसे हैं, जिनमें रोजाना 15 लीटर तक की डीजल चोरी की जा रही।

गौरतलब है कि इसी साल अगस्त में निगम के डीजल पंप पर चेारी का घोटाला सामने आया था। इसके बाद लगातार खुलासे हुए और कार्रवाई का सिलसिला शुरू हुआ। इसमें एक पार्षद के भाई की मुख्य भूमिका दिखी, जिसे हटाया गया। अभी यहां टैंक की मासिक खपत 22 टैंकर तक पहुंची है। इससे पहले ये 30 टैंकर थी। चोरी पूरी रुकने पर ये खपत 20 टैंकर से भी कम पर आ सकती है।
जांच बंद तो चोरी शुरू :
निगम के उच्चाधिकारियों से लेकर विधानसभा-मंत्रालय से जुड़े अफसरों तक पर शक की सुई है। ड्राइवरों से लेकर कर्मचारियों-अधिकारियों से तत्कालीन निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बात की और आरोप तय किए। मामले की जांच अभी चल रही है। करीब एक दर्जन कर्मचारी इसमें सस्पेंड हैं। तत्कालीन निगमायुक्त छवि भारद्वाज के ट्रांसफर के बाद जांच लगभग बंद हो गई और उसका ही नतीजा है कि चोरी अब तक जारी है। डीजल पंप से रोजाना करीब 900 वाहनों में डीजल भरा जाता है।
25 दिन में लग जाएंगे जीपीएस :
निगम के वाहनों में कर डीजल चोरी रोकने के लिए जीपीएस लगाने का काम किया जा रहा है। पहले ये काम आईएसबीटी में होता था अब इसे डीजल पंप पर ही सुबह किया जा रहा है। रोजाना 20 से 25 वाहनों में जीपीएस लगाए जा रहे हैं। अब तक 300 वाहनों में ये लग चुके हैं। अगले 20 से 25 दिन में सभी वाहनों में जीपीएस लगाने का लक्ष्य रखा है। इससे पता चल जाएगा कि वाहन चला या नहीं। जिन वाहनों में जीपीएस लग गए उसकी रोजाना की रिपोर्ट डीजल टैंक प्रभारी और निगमायुक्त दोनों के पास पहुंचना शुरू हो गई है।
मैं जब से आया हूं, डीजल चोरी रोकने के तमाम उपाय कर रहा हूं। आईएसबीटी में जीपीएस लग रहे थे तो मैंने डीजल टैंक में ही जीपीएस लगाने की व्यवस्था कर दी। अभी 22 से 23 टैंकर मासिक की खपत हो रही है। चोरी पूरी तरह बंद नहीं हुई, लेकिन जिस तरह के प्रयास है, उससे इसमें पूरी तरह रोक लग जाएगी।
– प्रेमशंकर शुक्ला, इंचार्ज, डीजल टैंक, नगर निगम
इधर, अब आठ लाख आय तक ओबीसी आरक्षण का लाभ :
मध्य प्रदेश में अब ओबीसी क्रीमी लेयर आठ लाख रुपए सालाना आमदनी से ज्यादा की होगी। आठ लाख रुपए तक की आय वाले व्यक्ति के परिवार को ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलेगा। अभी छह लाख तक की सालाना आय पर ओबीसी आरक्षण का लाख मिल रहा था। केंद्र सरकार ने 13 सितंबर 2017 को क्रीमी लेयर आठ लाख रुपए करने का आदेश जारी किया था। इसी के संदर्भ में मध्यप्रदेश में ओबीसी क्रीमी लेयर नियम में संशोधन आदेश जारी किए गए हैं। 14 साल में क्रीमी लेयर का दायरा चार गुना बढ़ चुका है।
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