लेकिन यह पहली बार होगा कि निगम परिषद अध्यक्ष से लेकर नेता प्रतिपक्ष की सीट पर इस बार नए चेहरे ही नजर आएंगे। एक या दो बार चुनाव जीते पार्षद सबसे सीनियर कहे जाएंगे। जबकि, तीसरी बार की पार्षदी वाला तो सुपर सीनियर कहलाएगा। अब तक की निगम परिषद में पांच से छह बार यानि 25-30 साल से लगातार पार्षदी करने वाले नेता बड़ी संख्या में थे। यही, सब परिषद को चलाते थे। लेकिन, 2022 की नगर निगम परिषद में ऐसा नजर नहीं आएगा।
: मोहम्मद सगीर-कांग्रेस की ओर से लगातार छह बार से लगातार पार्षद थे। तीन बार से लगातार नेता प्रतिपक्ष रहे। इस बार इन्हें टिकिट नहीं मिला, ये परिषद में नजर नहीं आएंगे।
ये अब भी मैदान में
पूर्व एमआईसी सदस्य आशाराम शर्मा तीसरी बार पार्षदी की तैयारी कर रहे हैं। वार्ड 46 से कांग्रेस के योगेंद्र ङ्क्षसह चौहान भी दूसरी बार पार्षदी करने के लिए इनके सामने हैं। वार्ड 33 से कांग्रेस प्रत्याशी अमित शर्मा दो बार पार्षद रह चुके हैं। वार्ड 29 से संतोष कंसाना, वार्ड 24 से शबिस्ता सुल्तान ही पुराने पार्षदों की सूची में शामिल हैं।
इस बार कई नए चेहरे चुनकर आएंगे। समय के साथ बदलाव होता है और नए लोग सामने आने भी चाहिए।
- कृष्ण मोहन सोनी, पूर्व एमआईसी सदस्य
जिन्हें टिकट मिला है, उनमें कई का राजनीतिक कॅरियर काफी अच्छा है। इसका उन्हें लाभ मिलेगा।
- महेश मकवाना, पूर्व एमआईसी सदस्य