बाबू कांटों से उठकर बाइक से भाग रहे लुटेरों को दबोचने दौड़ा। इस दौरान वह करीब 50 फीट तक लुटेरों की बाइक का कैरियर पकड़े हुए घिसटता गया। बाइक अनियंत्रित होकर खंभे से टकरा गई। इसके बाद राहगीरों ने दोनों लुटेरों को पकड़कर पीटा। गिरफ्तार लुटेरों की पहचान खानूगांव निवासी 19 वर्षीय एजाज हसन पिता इम्तियाज हसन, जैद जमीर उर्फ अब्दुल रहमान पिता फारुख जमीन के रूप में हुई है। एजाज के पिता नगर निगम में वाटर पंप सुपरवाइजर है, जबकि जैद जमीर के पिता फारुख प्रॉपर्टी डेवलपर हैं।
हौंसले की कहानी: पीडि़त की जुबानी-
हलालपुरा निवासी 25 वर्षीय बाबू अधिकारी ने बताया कि वह हलालपुर बस स्टैण्ड में अपने चाय ठेले से गुरुवार रात करीब साढ़े बारह बजे लौट रहा था। वासवानी कारखाने के पास उसे बाइक सवार दो युवकों ने रोका। इसके बाद मुझसे रहने की जानकारी पूछी। तभी एक युवक ने कमर से चाकू निकालकर मेरी गर्दन पर अड़ा दिया।
हलालपुरा निवासी 25 वर्षीय बाबू अधिकारी ने बताया कि वह हलालपुर बस स्टैण्ड में अपने चाय ठेले से गुरुवार रात करीब साढ़े बारह बजे लौट रहा था। वासवानी कारखाने के पास उसे बाइक सवार दो युवकों ने रोका। इसके बाद मुझसे रहने की जानकारी पूछी। तभी एक युवक ने कमर से चाकू निकालकर मेरी गर्दन पर अड़ा दिया।
फिर गला दबाया कहा कि पैसे निकाल। मैंने विरोध किया तो करीब 4500 सौ रुपए छीन लिए। इसके बाद मुझे सड़क किनारे कांटों में फेंक वह भागने लगे। मैं कांटों से छलांग लगाकर लुटेरे की बाइक की कैरियर में झूम गया। वह मुझे 50 फीट तक घसीटते ले गए। इसके बाद उनकी बाइक बिजली पोल से टकरा गई। दोनों लुटेरे नीचे गिर गए। तब राहगीरों ने उन्हें जमकर पीटा। आधा घंटे बाद पुलिस पहुंची।
पुलिस का बेरहम चेहरा…
लूट की घटनाएं रोकने में पूरी तरह नाकाम खाकी का एक बार फिर बेरहम चेहरा उजागर हुआ। व्यापारी ने खुद की जान की बाजी लगाकर जिन दो लुटेरों को पकड़कर पुलिस को दिया। पुलिस ने उन्हें खुद पकडऩा बताकर मीडिया में अपनी वाह-वाही बटोरने का प्रयास किया। एएसपी राजेश सिंह भदौरिया ने अपने मातहतों की बात मानकर शुक्रवार को प्रेसवार्ता तक कर दी। जबकि व्यापारी का पुलिस को इस काम में सम्मान करना था।
लूट की घटनाएं रोकने में पूरी तरह नाकाम खाकी का एक बार फिर बेरहम चेहरा उजागर हुआ। व्यापारी ने खुद की जान की बाजी लगाकर जिन दो लुटेरों को पकड़कर पुलिस को दिया। पुलिस ने उन्हें खुद पकडऩा बताकर मीडिया में अपनी वाह-वाही बटोरने का प्रयास किया। एएसपी राजेश सिंह भदौरिया ने अपने मातहतों की बात मानकर शुक्रवार को प्रेसवार्ता तक कर दी। जबकि व्यापारी का पुलिस को इस काम में सम्मान करना था।
इधर, एएसपी पर केस करने बैठी रही आरक्षक :-
पुलिस मुख्यालय के क्यूडी शाखा में पदस्थ एक एएसपी के खिलाफ यौन शोषण की एफआईआर कराने महिला सिपाही जहांगीराबाद थाने में दो घंटे तक बैठी रही। पुलिस ने बिना एफआईआर किए चलता कर दिया। महिला सिपाही का कहना है कि पुलिस ने यह कहकर एफआईआर करने से इनकार कर दिया कि मामले की जांच एडीजी अरुणा मोहन राव के पास पहले से चल रही है।
पुलिस मुख्यालय के क्यूडी शाखा में पदस्थ एक एएसपी के खिलाफ यौन शोषण की एफआईआर कराने महिला सिपाही जहांगीराबाद थाने में दो घंटे तक बैठी रही। पुलिस ने बिना एफआईआर किए चलता कर दिया। महिला सिपाही का कहना है कि पुलिस ने यह कहकर एफआईआर करने से इनकार कर दिया कि मामले की जांच एडीजी अरुणा मोहन राव के पास पहले से चल रही है।
महिला ने बताया कि जहांगीराबाद टीआई प्रीतम सिंह ठाकुर ने आवेदन देने के लिए कहा, लेकिन एफआईआर करने से साफ इनकार कर दिया। पीडि़ता ने बताया कि एडीजी के समक्ष बयान दर्ज हुए उसकी रिकार्डिंग भी की गई है। टीआई प्रीतम सिंह ठाकुर ने कहा कि मैंने आवेदन देने के लिए सिपाही से कहा, लेकिन वह चलीं गईं।
वीडियो से होगी किरकिरी
महिला सिपाही ने कहा कि एएसपी के दबाव में पुलिस एफआईआर करने से बच रही है। महिला ने कहा, उसके पास साक्ष्य के तौर पर तमाम ऐसे वीडियो हैं, जो यह साबित करेंगे कि एएसपी ने उसका शोषण किया है। वह यह वीडियो मीडिया या कोर्ट को जल्द ही उपलब्ध कराएगी, जिससे एमपी पुलिस के अफसरों की करतूत का खुलासा हो सके।
महिला सिपाही ने कहा कि एएसपी के दबाव में पुलिस एफआईआर करने से बच रही है। महिला ने कहा, उसके पास साक्ष्य के तौर पर तमाम ऐसे वीडियो हैं, जो यह साबित करेंगे कि एएसपी ने उसका शोषण किया है। वह यह वीडियो मीडिया या कोर्ट को जल्द ही उपलब्ध कराएगी, जिससे एमपी पुलिस के अफसरों की करतूत का खुलासा हो सके।