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18 जनवरी तक देना होगी केस डायरी, हाइकोर्ट ने मांगी स्टेटस रिपोर्ट

locationभोपालPublished: Feb 01, 2019 08:42:22 am

यूनिहोम्स कोलाज ग्रुप मामला

MP High Court,bar association,UP Bar Association,

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यूनिहोम्स कोलाजा ग्रुप के संचालकों-बिल्डर्स पर पुलिस ने अब तक क्या कार्रवाई की 18 जनवरी को केस डायरी के साथ हाइकोर्ट की जेपी गुप्ता की एकलपीठ में जवाब देना होगा। गुरुवार को हुई सुनवाई में राज्य शासन गृह विभाग, पुलिस अधीक्षक भोपाल को 2 सप्ताह के अंदर जवाब देने के निर्देश दिए।
कोलार चूनाभटटी क्षेत्र में प्रस्तावित लगभग 50 एकड़ भूमि पर यूनिहोम्स कॉलोनी के लगभग 500 ग्राहकों की एसोसियेशन यूनिहोम्स रहवासी वेलफेयर एसोसियेशन की याचिका पर सुनवाई चल रही है। गौरतलब है कि यूनिहोम्स कोलाज गु्रप की कंपनियों एवं उनके संचालकों के विरूद्ध 1 वर्ष पूर्व नवम्बर 2017 में कई आपराधिक प्रकरण एवं एफ.आईआर दर्ज की गईं थी, लेकिन, जांच एजेंसियों द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की गई।
किसी भी संचालकगण को पूछताछ के लिए बुलाया तक नहीं गया। याचिका में यह कहा गया कि जांच एजेंसियों ने खुले तौर पर यूनिहोम्स एवं अन्य कंपनियों के संचालकों को संरक्षण दिया है। आवेदक रहवासी एसोसियेशन की ओर से अधिवक्ता श्री सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता ने पैरवी की, एवं राज्य शासन की ओर से उच्च न्यायालय द्वारा अतिरिक्त महाधिवक्ता श्री अजय गुप्ता उपस्थित हुये।
ये हैं मामला

चूनाभट्टी क्षेत्र में 50 एकड़ से अधिक भूमि पर वर्ष 2011 में एक आवासीय कम वाणिज्यिक टाउनशिप नियोजित की गई। इसमें यूनिहोम्स नामक रहवासी कॉलोनी एवं ग्रेट इंडिया पैलेस नामक शॉपिंग मॉल का निर्माण किया जाना था। इसके संबंध में दोनों कंपनियों द्वारा बकायदा ब्रोशर जारी कर 500 से अधिक ग्राहकों से निर्माण राशि प्राप्त कर ली गई। सभी के साथ विक्रय अनुबंध पत्र भी निष्पादित कर लिए। इन ग्राहकों में आवासीय फ्लेट्स व शॉपिंग मॉल के ग्राहक शामिल थे। ये 90 प्रतिशत राशि यूनिहोम्स कोलाज ग्रुप को भुगतान कर चुके हैं।
इसके बाद प्रस्तावित कॉलोनी की संपूर्ण भूमि, कंपनियों द्वारा बैंकों में गिरवी रख लगभग 300 करोड़ का लोन ले लिया गया। जो 25 प्रतिशत प्लॉट नगर निगम भोपाल में जो गिरवी रखे गये थे, उनको तक रिहा करा बैंकों में गिरवी रख दिया गया। बिल्डर कंपनियों द्वारा ग्राहकों से 90 प्रतिशत राशि लेने के 6-7 वर्ष बाद भी किसी भी तरह का कोई निर्माण कराकर नहीं दिया गया, जिसके संबंध में भी कई आपराधिक प्रकरण उनके विरूद्ध दर्ज हुये।
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