script32 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति निरस्त, दिव्यांगों का रास्ता साफ | court news | Patrika News

32 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति निरस्त, दिव्यांगों का रास्ता साफ

locationभोपालPublished: Aug 03, 2021 01:20:56 am

Submitted by:

Sumeet Pandey

भर्ती के लिए तैयार किए रोस्टर का विवाद अभी खत्म नहीं हुआ

32 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति निरस्त, दिव्यांगों का रास्ता साफ

32 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति निरस्त, दिव्यांगों का रास्ता साफ

भोपाल. उच्च शिक्षा विभाग द्वारा दिसंबर 2019 में की गई असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती का विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है। रोस्टर में गड़बड़ी के मामले में हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन है। रोस्टर में दिव्यांग श्रेणी के उम्मीदवारों को नियमानुसार आरक्षण नहीं मिलने के कारण हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। कोर्ट के आदेश के बाद विभाग ने 9 विषयों में सुधार किया है। वहीं सोमवार को 32 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति निरस्त कर दी। इसमें प्राणी शास्त्र, वाणिज्य, भौतिक शास्त्र , रसायन शास्त्र, गणित, इतिहास, अंग्रेजी, वनस्पति शास्त्र, अर्थ शास्त्र शामिल हैं।
विभाग ने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर मप्र लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित सहायक प्राध्यापकों के चयन व उनकी नियुक्ति को निरस्त किया है। यह सभी परिवीक्षा अवधि में अस्थायी रूप से सेवाएं दे रहे थे। ऐसे में दिव्यांग श्रेणी के उम्मीदवारों की नियुक्ति की राह खुली है। विभाग द्वारा उन्हें नियुक्त करने के आदेश जारी किए जाने लगे हैं।
अब कोर्ट ने सभी दस्तावेज के साथ किया तलब
दिव्यांग श्रेणी के मामले में हाईकोर्ट में डॉ. शिवेंद्र सिंह परिहार, भावना शर्मा, राजभान सिंह बुंदेला सहित 6 उम्मीदवारों की ओर से एडवोकेट संतोष कुमार रोंटा द्वारा याचिका दायर की गई है। इस मामले में सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई भी हुई। अब कोर्ट ने सभी दस्तावेजों के साथ विभाग को तलब किया है। उम्मीदवारों का कहना है कि कोर्ट के आदेश के बाद भी विभाग ने दिव्यांगों को उतने पद आरक्षित नहीं किए हैं जितने नियमानुसार होने थे। उम्मीदवार शिवेंद्र सिंह ने बताया कि एमपीपीएससी द्वारा जारी किए गए मूल विज्ञापन में दिव्यांग श्रेणी के 384 पद थे। इसके बाद एक अन्य आदेश का हवाला देकर पद संख्या कम कर 211 कर दी गई। 19 अप्रेल 2020 को कोर्ट ने उच्च शिक्षा विभाग और एमपीपीएससी को आदेशित किया कि दिव्यांग श्रेणी का आरक्षण स्वीकृत पदों पर 6 प्रतिशत (दो-दो प्रतिशत पद श्रवणबाधित, दृष्टिबाधित और अस्थिबाधित उम्मीदवारों के लिए आरक्षित कर) विषयवार सुनिश्चित किया जाए और संशोधित चयनसूची जारी की जाए।
काले मास्क और पट्टी बांधकर विरोध
भोपाल. प्रदेश के शासकीय कॉलेजों में प्रोफेसर्स ने एरियर्स की शेष राशि का भुगतान कराने सहित अन्य मांगों को लेकर सोमवार से प्रदेश व्यापी आंदोलन शुरू कर दिया है। प्रांतीय शासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ के बैनर तले मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय, एमएलबी गल्र्स कॉलेज, नूतन गल्र्स कॉलेज, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी शासकीय विज्ञान एवं वाणिज्य महाविद्यालय समेत भोपाल प्रदेशभर के सरकारी कॉलेजों सांकेतिक रूप से विरोध दर्ज कराया। इस दौरान प्रोफेसर्स ने नारेबाजी की और सरकार पर भेदभाव करने के आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के सभी विभागों के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का पूरा भुगतान कर चुकी है। लेकिन केंद्र सरकार से एरियर्स का 50 प्रतिशत राशि लेने के बाद भी अब तक पूरा भुगतान नहीं कर सकी है। मप्र सरकार को अपने हिस्से की करीब 300 करोड़ राशि का भुगतान करना है।
शासकीय कर्मी होने के बाद भी प्रोफेसर्स से भेदभाव किया जाता है। इसलिए प्रोफेसर्स आक्रोशित हैं। संघ की अपील है कि सरकार जल्द ही निर्णय ले। मांगे नहीं मानी जाती हैं तो संघ 25 अगस्त के बाद आंदोलन को तेज करने का निर्णय लेगा।
प्रो.कैलाश त्यागी, प्रांताध्यक्ष, प्राध्यापक संघ
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो