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सस्ती लोकप्रियता के लिए लगाई रानी कमलापति स्टेशन के खिलाफ याचिका, 25 हजार रुपए कॉस्ट

locationभोपालPublished: Jan 21, 2022 01:16:12 am

Submitted by:

Sumeet Pandey

हाईकोर्ट ने याचिका की खारिज

सस्ती लोकप्रियता के लिए लगाई रानी कमलापति स्टेशन के खिलाफ याचिका, 25 हजार रुपए कॉस्ट

सस्ती लोकप्रियता के लिए लगाई रानी कमलापति स्टेशन के खिलाफ याचिका, 25 हजार रुपए कॉस्ट

जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा कि रेलवे स्टेशन का नाम जनहित का मसला कैसे हो सकता है। स्टेशन में उपलब्ध जनसुविधाओं का नाम से कोई सम्बन्ध नहीं है। जस्टिस शील नागू व जस्टिस सुनीता यादव की डिवीजन बेंच ने कहा कि भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन के खिलाफ याचिकाकर्ता ने सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए यह बेतुकी याचिका लगाई। यह कोर्ट के बहुमूल्य समय का दुरुपयोग है। इस मत के साथ कोर्ट ने याचिका खारिज कर याचिकाकर्ता पर 25 हजार रुपए कॉस्ट लगा दी।
सिवनी जिले के कुरई निवासी वकील अहमद सईद कुरेशी की ओर से याचिका दायर की गई थी। कहा गया कि 1973 में एक मुस्लिम गुरु हबीब मियां ने स्टेशन के लिए रेलवे को जमीन दान दी। तब से इसे हबीबगंज स्टेशन के नाम से जाना जाने लगा। लेकिन 12 नवम्बर 2021 को केंद्र व राज्य सरकार की सहमति से रेलवे बोर्ड ने इस स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति स्टेशन कर दिया। उपमहाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने याचिका का विरोध करते हुए स्टेशन के नामकरण को उचित बताया। गौरतलब है कि लंबे समय से स्टेशन का नाम बदलने की कवायद चल रही थी और स्टेशन का रिडवलपमेंट होने के बाद इसे बदल दिया गया। इसका नाम राजा भोज के नाम पर करने की मांग भी उठी थी।
अंतिम सुनवाई के बाद 17 जनवरी को कोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था। गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 25 हजार रुपए कॉस्ट लगाई। कोर्ट ने एक माह के अंदर यह राशि हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में जमा करने के निर्देश दिए। इस राशि को कोरोना से लडऩे के लिए आवश्यक वस्तुएं खरीदने में इस्तेमाल किया जाएगा।
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