अपर सत्र न्यायाधीश वंदना जैन ने गुरूवार को यह फैसला सुनाया है। मामला कोलार थाने का है। सरकारी वकील अनीता सिंह ने बताया कि 13 वर्षीय नाबालिग पडोस की लडकियों के साथ लकडी बीनने जंगल गई थी। राहुल 2 जुलाई 2016 को जंगल से नाबालिग को धमकी देकर राताताल ले गया था। वहां उसके साथ करीब 1 माह तक ज्यादती की थी।
बच्ची के परिजन उसे भोपाल में उसे खोजते रहे लेकिन वह नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। करीब एक माह तक राहुल उससे ज्यादती करता रहा। इसके बाद एक दिन बच्ची उसके चंगुल से भाग निकली और मामले का खुलासा हुआ। कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई की। उसके बाद गुरूवार को आरोपी को सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है।
चैक बाउंस के मामले में बिल्डर पर 65 लाख जुर्माना
चैक बाउंस के एक मामले में अदालत ने मोती मस्जिद स्थित मेसर्स होमटेक कंसलटेंसी आर्केटेक एण्ड इंजीनियर्स के प्रोपराईटर अनवार बेग को 3 माह के सश्रम कारावास और 65 लाख रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। चैक बाउंस के मामलों के लिए गठित विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट महेन्द्र मांगोदिया ने यह फैसला सुनाया है।
अनवार बैग ने व्यावसायिक आवश्यकता के लिए रेतघाट निवासी उमर रउफ से 50 लाख उधार लिए थे। रउफ के वकील जफर राजा ने बताया कि इसके भुगतान के ऐवज में फरवरी 2015 में अनवार बैग ने 10-10 लाख के पांच चैक उमर रउफ को दिए थे, जो बाउंस हो गए थे।
इसके बाद रऊफ ने चैक बाउंस का मुकदमा लगाया था। रउफ ने अदालत में चैक बाउंस के मुकदमे में डेढ लाख कोर्ट फीस जमा की थी। अदालत ने सुनवाई के बाद जुर्माना लगाया है। इसमें कोर्ट फीस का भुगतान करने का निर्देश भी दिया गया है।