शुक्रवार को जिला अदालत ने ऐसे ही एक मामले में फैसला सुनाया है। सिंगारचोली स्थित तिलक गृहनिर्माण सोसायटी के भूखंड को दूसरी बार बेचने के मामले में अदालत ने मोहम्मद अनवर को 7 साल के सश्रम कारावास और 25 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश भूभास्कर यादव ने यह फैसला सुनाया है। मामला कोहेफिजा थाने का है।
अभियोजन के अनुसार एयरपोर्ट रोड स्थित ग्राम सिंगारचोली के पटवारी हलका नंबर 4 की करीब 54 एकड़ भूमि को वर्ष 1990 में तिलक गृह निर्माण सोसायटी को बेचा गया था। हालांकि, मोहम्मद अनवर ने खसरा नंबर 91 में से 2000 वर्गफीट प्लाट के भूखंड की रजिस्ट्री 12 फरवरी 2013 को धोखाधड़ी कर कैलाश चंद्र के नाम करा दी थी। जबकि उक्त भूखंड की रजिस्ट्री पूर्व में ही तिलक गृह निर्माण सोसायटी ने प्रदीप के नाम करा दी थी।
कैलाश चंद्र जब उक्त भूखंड पर कब्जा लेने पहुंचा तब उस पर प्रदीप का कब्जा था। प्रदीप की शिकायत पर पुलिस ने मोहम्मद अनवर के खिलाफ धोखाधड़ी और दस्तावेजों में कूट रचना का मुकदमा दर्ज किया था। उसके बाद से मामले में सुनवाई चल रही थी। दुष्कर्मी को 14 साल की कैद शादी का झांसा देकर नाबालिग का अपहरण और दुष्कर्म के मामले में अदालत ने लखन बहाने को 14 साल के सश्रम कारावास-जुर्माने की सजा सुनाई है।
अपर सत्र न्यायाधीश वंदना जैन ने यह फैसला सुनाया है। सरकारी वकील अनीता सिंह ने बताया कि लखन हर्षवद्र्धन नगर क्षेत्र से 13 जनवरी 2016 को 14 वर्षीय नाबालिग को शादी का झांसा देकर अपने साथ ले गया था। नाबालिग को इंदौर-उज्जैन ले जाकर कई बार दुष्कर्म किया था। बाद में शादी करने से भी इंकार कर दिया।