राजधानी में लगातार बढ़ रही कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए प्रशासन ने 25 जुलाई से तीन अगस्त तक टोटल लॉकडाउन लागू किया था। इसके बावजूद मरीजों की संख्या में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है। राज्य शासन द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन में दी गई जानकारी के अनुसार देखें तो लॉकडाउन के पहले वाले सप्ताह में 1347 पॉजिटिव मिले हैं। वहीं लॉकडाउन के बाद वाले सप्ताह में 1118 पॉजिटिव मिले। तब से अभी तक एक भी दिन मरीजों की संख्या सौ से कम नहीं हुई है। इसका कारण जागरूकता की कमी और लापरवाही मानी जा रही है।
यह लापरवाही फैला रही संक्रमण
1- बाजारों में बिना मास्क के घूमना।
2- सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करना।
3- सरकारी कार्यालयों में सैनेटाइजेशन की कोई व्यवस्था नहीं होना।
4- निजी कार्यालयों में भी कर्मचारियों की भीड़ लगाना।
5- कोरोना की रिपोर्ट जल्दी नहीं आना, जिससे संदिग्ध से और लोग संक्रमित हो रहे हैं।
6- होम क्वॉरंटाइन का भी पूरी गाइडलाइन के साथ पालन नहीं करना।
हंगामा हुआ तो जेपी अस्पताल में भेजीं 4500 रैपिड टेस्ट किट
जेपी अस्पताल में बीते शनिवार को कोरोना टेस्टिंग के लिए रेपिट किट खत्म हो गई थी। रविवार को 4500 रैपिट टेस्ट किट जेपी अस्पताल के फीवर क्लीनिक में पहुंचा दी गईं हैं। इससे रविवार को 100 से ज्यादा कोरोना संदिग्ध मरीजों की जांच की गई। शनिवार दोपहर में यहां किट खत्म हो गई थीं। इससे मरीजों को सैंपल देने के लिए अगले दिन आने को कहा गया था। इससे नाराज लोगों ने जमकर हंगामा किया था। क्योंकि वे काफी देर से लाइन में खडे हुए थे। स्टाफ भी क्नीनिक बंद करके भाग गया था। जेपी अस्पताल पिछले कई दिनों से किट की मांग कर रहा था लेकिन उन्हें उपलब्ध नहीं कराई गई।