भोपाल. फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन का पता लगाने और फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट के दावे का गलत फायदा उठाने वाले धोखेबाजों की पहचान के लिए जीएसटी अधिकारियों ने दो महीने का एक विशेष अभियान शुरू किया है।
इस तरह धोखाधड़ी
कुछ व्यापारी माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के मंच पर फर्जी रजिस्ट्रेशन कराने के बाद उसके आधार पर फर्जी रसीदों के सहारे आईटीसी के दावे करते हैं और किसी भी तरह की सेवा या उत्पाद की आपूर्ति के बगैर ही वह राशि अपने खाते में जमा करा लेते हैं। इसे देखते हुए टैक्स अधिकारियों ने फर्जी रजिस्ट्रेशन पर नकेल कसने की कवायद शुरू की है।
कैसे होगी जांच
कर विभाग ने 16 मई से 15 जुलाई तक विशेष अभियान शुरू किया है। इस दौरान संदिग्ध जीएसटी खातों की पहचान करने के साथ ही फर्जी बिलों को जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) से बाहर करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। आधार पर आधारित वेरिफिकेशन प्रोसेस के दौरान संबंधित टैक्सपेयर काल्पनिक पाया जाता है तो उस रजिस्ट्रेशन को निरस्त कर दिया जाएगा।
दिखाने होंगे ये डॉक्यूमेंट्स
– जीएसटी सर्टिफिकेट कॉपी
– आधार कार्ड
– पैन कार्ड
– रेंट एग्रीमेंट
– लेटेस्ट इलेक्ट्रिसिटी बिल
– कैंसल चेक करेंट बैंक अकाउंट
– परचेज बिल कॉपी
– सेल्स बिल कॉपी
– ऑफिस साइन बोर्ड
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