script

दो दर्जन गांव में साकार होगा आदर्श गांव का सपना

locationभोपालPublished: Sep 02, 2018 04:29:36 pm

Submitted by:

manish kushwah

गायत्री शक्तिपीठ गांवों को गोद लेकर बनाएगा आदर्श ग्राम, स्वच्छता, स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर होगा फोकस

आदर्श गांव

गांव का पिछले दिनों राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दौरा किया था

भोपाल/मंडीदीप. क्षेत्र के अति पिछड़े गांव जल्द ही अन्य गांवों के लिए आदर्श बन सकेंगे। दरअसल गौहरगंज तहसील के 24 पिछड़े गांवों को गोद लेकर उनकी सूरत बदलने का बीड़ा अखिल भारतीय गायत्री परिवार शक्तिपीठ भोपाल ने उठाया है। इन सभी गांवों को आदर्श बनाया जाएगा। गायत्री परिवार का फोकस स्वाबलंबन, स्वच्छता, स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर रहेगा। गायत्री परिवार ने क्षेत्र के इमलिया गौंडी, नानाखेड़ी, जाबरा, मलखार, दाहोद, इटायकला एवं नूरगंज समेत24 गांवों की दशा बदलने का निर्णय लिया है। गायत्री परिवार के योग जिला संयोजक माखन परमार के मुताबिक हमारी प्राथमिकता आपसी भाईचारा एवं संबंधों को सशक्त करने के साथ ही स्वाबलंबी बनाना है।

कुटीर उद्योगों पर रहेगा जोर
आदर्श लिए गए गांवों में रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा। यहां गौपालन एवं वैज्ञानिक तरीके से गौमूत्र एवं गोबर के उत्पाद बनाना सिखाया जाएगा। इन उत्पादों को गायत्री शक्तिपीठ ही खरीदेगा। स्व सहायता समूह बनाकर महिलाओं एवं पुरुषों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। गांवों में स्वच्छता एवं व्यसन मुक्ति का वातावरण तैयार किया जाएगा। पंचगव्य औषधियां बनवाने के लिए ग्रामीणों को कच्चा माल दिया उपलब्ध कराया जाएगा एवं इमलिया रामपुर स्थित गौशाला में स्थापित मशीनों से औषधियां तैयार की जाएंगी। शिक्षा के लिए यहां देश का पहला अरणयक गुरुकुल खोला जाएगा, जहां आसपास के गरीब बच्चों को संस्कारवान एवं शिक्षित बनाया जाएगा।

इसलिए 24 गांव लिए गोद
गायत्री शक्तिपीठ द्वारा 24 गांवों को गोद लेने के पीछे दिलचस्प बात ये है कि गायत्री मंत्र में 24 अक्षर आते हैं, इसी को ध्यान में रखते हुए गायत्री परिवार ने 24 गांवों को आदर्श बनाने का प्रकल्प लिया है। इन गांवों में युवा मंडल बनाए गए हैं, प्रत्येक मंडल में आठ से दस युवा सदस्यों को शामिल किया गया है।

राज्यपाल कर चुकी हैं दौरा
नानाखेड़ी उन गांवों में अग्रणी है, जहां किसान कृषि कार्य के साथ ही गौपालन का कार्य कर रहे हैं। इससे न सिर्फ गौवंश को संरक्षण मिला है, बल्कि किसानों की आय भी दोगुनी हुई है। गौपाल से यहां प्रति परिवार अतिरिक्त आय 5 से 15 हजार रुपए है। इस गांव का पिछले दिनों राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दौरा किया था और किसानों के हित में किए गए कार्यों की सराहना की थी।
खेल-खेल में संस्कारों की सीख
युवा पीढ़ी को भारतीय पुरातन संस्कृति, सभ्यता से जोडऩे और उनमें राष्ट्रप्रेम की भावना जाग्रत करने के लिए सप्ताह में एक दिन मिल बांचे कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। यहां गांव के ही प्रशिक्षित आठ से दस युवाओं की टोलियों द्वारा दो घंटे की क्लास लगाई जाती है। यहां पांच से 12 साल तक बच्चों को खेल-खेल में कथा एवं कहानियों के माध्यम से संस्कारवान बनाया जा रहा है।

ट्रेंडिंग वीडियो