कपिल को संदेह हुआ कि उसने नेवी में प्रवेश परीक्षा के लिए कोई आवेदन नहीं किया। ऐसे में उसके मोबाइल में कैसे मैसेज आया। इसके बाद कपिल ने जालसाज से परीक्षा के संबंध में विस्तृत पूछताछ की। कपिल यह जान गया कि घनश्याम उसके साथ ठगी कर रहा है। कपिल ने तुरंत ही कोलार पुलिस को शिकायती आवेदन देते हुए पुलिस को पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया। आरोपी ने रिजल्ट भी घोषित कर दिया था। जिसमें परीक्षा देने वाले सभी छात्रों को पास होना बताया था। अब वह ट्रेनिंग के लिए डेढ़-डेढ़ लाख रुपए लेने के इंतजार में भोपाल में ठहरा था।
घनश्याम गुप्ता खुद को लुधियाना से बीई पास आउट बता रहा है। उसने पूछताछ में बताया कि बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश समेत अन्य राज्यों में इस तरह की वह ठगी कर चुका है। प्रवेश परीक्षा लेने के बाद आरोपी रिजल्ट में सभी छात्रों को पास कर देता है। इसके बाद वह ट्रेनिंग के नाम पर डेढ़-डेढ़ लाख रुपए की वसूली करता है। रकम मिलते ही आरोपी शहर छोड़कर भाग जाता है।
आरोपी ने बताया कि छात्रों के मोबाइल में मैसेज करने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाली कोचिंग सेंटर, स्कूल से छात्रों का डाटा लेता है। उसने भोपाल में भी इस तरह की कई संस्थाओं से पहले डाटा लिया है। इसके बाद छात्रों के मोबाइल में मैसेज करता है। इतना ही नौकरी का फार्म, जानकारी देने वाले व्यापारियों के दुकानों, स्कूलों, कोचिंग सेंटर के पास पोस्टर-पंपलेट बंटवाता है।