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गुजरात में जहरीली शराब से 23 लोगों की मौत का आरोपी निकला चोर, फरार होकर भाग आया इंदौर

locationभोपालPublished: Feb 21, 2019 01:33:42 am

Submitted by:

Ram kailash napit

ट्रेनों के एसी कोच से चोरी करने वाला बदमाश गिरफ्तार

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Theft

भोपाल. जीआरपी ने ट्रेन के एसी कोच में महिलाओं के पर्स-बैग चोरी करने वाले शातिर बदमाश 37 वर्षीय योगेन्द्र उर्फ दद्दू को गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से पुलिस ने विदेशी घडिय़ां, सोने-चांदी के जेवर, एटीएम कार्ड, मोबाइल समेत करीब पांच लाख रुपए का सामान जब्त किया है। योगेन्द्र 2009 में कडियापीठ अहमदाबाद, गुजरात में जहरीली शराब के सेवन से हुई 23 लोगों की मौत का गुनाहगार है। वह नौ साल तक साबरमती केन्द्रीय जेल में रहा। जुलाई 2017 में पैरोल मिलने के बाद जेल से बाहर आया। इसके बाद वह अपनी पत्नी, तीन बच्चों के साथ इंदौर भाग आया। इंदौर के अरविंदो अस्पताल के सामने करोल बाग में किराए का मकान लेकर फरारी काटने के साथ चोरी करने लगा। अब तक उसने भोपाल रेलवे स्टेशन में खड़ी ट्रेनों में चोरी की पांच वारदात कबूली हैं।

लापरवाही: आधार कार्ड दिया, वेरीफिकेशन कराया, साड़ी का धंधा करता रहा
मूलत: अहमदाबाद निवासी योगेन्द्र छारा समाज से है। उसने पुलिस की पूछताछ में बताया कि उसके समाज के अधिकतर लोग शराब के अवैध व्यापार समेत अन्य अपराधिक गतिविधियों में लिप्त हैं। वह अहमदाबाद से इंदौर आने के बाद जिस मकान को किराए में लिया उसके मकान मालिक को आधार कार्ड दिया था। मकान मालिक ने इंदौर पुलिस से उसका पुलिस वेरीफिकेशन कराया, लेकिन इंदौर पुलिस ने अहमदाबाद पुलिस से संपर्क ही नहीं किया। ऐसे में वह नहीं पकड़ा गया। लोगों को संदेह नहीं हो इसके लिए वह इंदौर में गुजराती प्रिंट की साडिय़ों का धंधा भी करता था। उसके दो बच्चे इंदौर के निजी स्कूल में पढ़ते हैं।
देर रात इंदौर से आकर प्लेटफॉर्म में खड़ी ट्रेनों में करता था चोरी
योगेन्द्र भोपाल रेलवे स्टेशन में खड़ी ट्रेन में ही चोरी करता था। वह रात करीब दो-ढाई बजे बस में बैठकर इंदौर से भोपाल आता था। इसके बाद रेलवे स्टेशन की प्लेटफॉर्म टिकट लेकर स्टेशन में दाखिल होता था। यहां, देर रात आकर रुकनी वाली ट्रेनों के वह एसी कोच में घुस जाता था। इस दौरान वह सिर के नीचे पर्स-बैग रखकर सोने वाले महिला-पुरुष यात्रियों के सामान पार कर देता था। देर रात भोपाल आने के पीछे की वजह उसने यह बताई कि इस दौरान अधिकतर यात्री नींद में होते हैं। जिससे वारदात करने में उसे आसानी रहती है। इंदौर में उसने एक भी वारदात नहीं की है।
एटीएम-मोबाइल में लिखे पिन कोड से निकाली रकम
आरोपी को इन वारदातों में ऐसे एटीएम कार्ड, मोबाइल भी हाथ लगे जिनमें पिन कोड लिखा मिला। उसने सेना के एक ब्रिगेडियर के कार्ड से रकम तक निकाल ली थी। जीआरपी को इसके फुटेज मिले। सितंबर 2017 में टीआई हेमंत श्रीवास्तव ने आरक्षक राजेश शर्मा, विक्रम सिंह, ज्योति वर्मा की एक टीम बनाई। इसी बीच 8 फरवरी 2019 को आरोपी रेलवे स्टेशन में घूमते मिला। सीसीटीवी के हुलिए के अनुसार जब पुलिस ने उससे पूछताछ की तो आरोपी ने गुनाह कबूल लिया।
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